नई दिल्ली: सोशल मीडिया के दौर में लोगों को खबर जानने में आसानी हुई है तो कई बार यहां से गलत जानकारी भी फैलती है। एक ऐसी ही गलत महंगाई भत्ते को लेकर सोशल मीडिया पर फैली हुई है। सोशल मीडिया पर एक दस्तावेज वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया गया है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता और महंगाई राहत जुलाई 2021 से फिर से शुरू की जाएगी।
पीआईबी फैक्ट चेक में इस दावे को गलत बताया गया है। इसमें कहा गया है कि भारत सरकार की ओर से ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि जुलाई 2021 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों को डीए फिर से शुरू करने और केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को महंगाई राहत देने का दावा करने वाला एक दस्तावेज सोशल मीडिया पर वायरल रहा है। यह कार्यालय ज्ञापन (OM) फर्जी है। भारत सरकार द्वारा ऐसा कोई ओएम जारी नहीं किया गया है।
कांग्रेस ने महंगाई भत्ते के पूर्ण भुगतान की मांग की
इससे पहले कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार को सरकारी कर्मचारियों और सैनिकों को उस महंगाई भत्ते के बकाए का एक जुलाई से पूरा भुगतान करना चाहिए, जिसे पिछले साल कोरोना संकट का हवाला देते हुए निलंबित किया गया था। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि कोविड महामारी में भी देश सेवा में जुटे कर्मचारियों का साहस बढ़ाने की बजाय केंद्र सरकार उनकी मेहनत की कमाई छीनने में लगी है।' पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले साल एक अजीबो-गरीब निर्णय लेते हुए महंगाई भत्ते को एक जनवरी, 2020 से निलंबित किया। 115 लाख लोगों के पेट पर लात मारी। इसमें सैनिक, सेवनिवृत्त सैनिक और कर्मचारी शामिल हैं। सरकार की ओर से इसका कारण कोविड संकट बताया गया। उसके इस निर्णय की यह वजह आज तक समझ नहीं आई क्योंकि कोरोना काल में तो लोगों की ज्यादा मदद करनी चाहिए।
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