कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में 'खेला होबे' (Khela Hobe) कार्यक्रम की शुरुआत करेंगी। पश्चिम बंगाल में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का प्रमुख राजनीतिक नारा अब युवाओं के लिए राज्य सरकार की प्रमुख योजना बन रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस स्लोगन पर एक विज्ञापन गीत (जिंगल) भी तैयार किया गया था।
क्या है योजना की खासियत
इस योजना के तहत राज्य के खेल एवं युवा मामलों का विभाग विभिन्न खेल क्लबों को एक लाख से अधिक फुटबॉल सौंपेगा। सीएम ने घोषणा की है कि आईएफए के साथ पंजीकृत लोगों को भी 10-10 फुटबॉल मिलेंगे। राज्य सरकार ने पहले एक बयान जारी करते हुए कहा था, 'यह निर्णय लिया गया है कि युवाओं और छात्रों को फुटबॉल खेलने के लिए प्रोत्साहित करने और इस तरह राज्य में खेल गतिविधियों को विकसित करने के लिए पंजीकृत क्लबों को खेला होबे कार्यक्रम के तहत जॉय (स्ट्राइकर) ब्रांड का फुटबॉल दिया जाएगा।'
हस्तशिल्प इकाई करेगी फुटबॉल की सप्लाई
सरकारी बयान के मुताबिक, सीएम ममता बनर्जी राज्य की शरणार्थी हस्तशिल्प इकाई द्वारा हाथ से बने फुटबॉल को विभिन्न खेल क्लबों को सौंपेंगी। मैसर्स रिफ्यूजी हैंडीक्राफ्ट्स कार्यक्रम से काफी पहले इस उद्देश्य के लिए फुटबॉल की आपूर्ति करेगा। सरकार के मुताबिक, जिला अधिकारियों ने पहले ही उन क्लबों के नाम राज्य सचिवालय को सौंप दिए हैं जो इस पहल के लिए पात्र हैं।
16 अगस्त को खेला होबे दिवस
जाने-माने फुटबॉलर और राज्य शरणार्थी हस्तशिल्प (आरएच) प्रबंध समिति के अध्यक्ष मानस भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार की नई परियोजना से न केवल खेल को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि महिलाओं द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूहों और जेल में बंद कैदियों को भी फायदा होगा, जो इन फुटबॉल्स को बना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की है कि 16 अगस्त को ईडन गार्डन्स में 1980 के खेल के दौरान भगदड़ में मारे गए 16 फुटबॉल प्रशंसकों की याद में राज्य भर में 'खेला होबे दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस तरह दिन समर्पित करने से खेल भावना को बढ़ावा मिलेगा।
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