कोलकाता। 2 मई को नतीजों के घोषित होने के बाद बंगाल के अलग अलग इलाकों में हिंसा हुई जिसमें बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं की जान चली गई। बीजेपी ने दावा किया कि उसके करीब 300 से 400 कार्यकर्ता टीएमसी के गुंडों की वजह से असम चले गए। उस सबका असर 5 मई को शपथ ग्रहण के दिन दिखा। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शपथ दिलाए जाने के बाद उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि नई सरकार राज्य में कानून के राज पर कायम रहेगी। लेकिन ममता बनर्जी ने नसीहत दे डाली हालांकि अब उन्होंने ऐलान किया कि हिंसा में जो लोग भी मारे गए हैं उन्हें सरकार दो लाख का मुआवजा देगी। इन सबके बीच टीएमसी कार्यकर्ता ने अपनी शिकायत में हिंसा के लिए बीजेपी बंगाल के अध्यक्ष दिलीप घोष और मिथुन चक्रवर्ती का नाम लिया है।
टीएमसी कार्यकर्ता ने की शिकायत
मृत्युंजय पॉल ने अपनी शिकायत में कहा कि दिलीप घोष और मिथुन चक्रवर्ती ने भाजपा कार्यकर्ताओं को "पश्चिम बंगाल में हिंसा और क्रूरता फैलाने" के लिए उकसाया और उकसाया।शिकायतकर्ता दिलीप घोष और मिथुन चक्रवर्ती के कथित बयानों का हवाला देते हुए कहते हैं कि उनका मानना है कि टीएमसी के कार्यकर्ताओं को हत्या, शिकायत, चोट और हमले के कारण 'जो अपने घरों से वंचित हैं'।
कोलकाता पुलिस को प्रस्तुत शिकायत में कहा गया है कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने टीएमसी कार्यकर्ताओं के घरों को जला दिया और नष्ट कर दिया है और टीएमसी कार्यकर्ता सड़कों पर बेघर और असहाय घूम रहे हैं। पॉल ने कहा कि बंगाल ने हिंसा के जिस दौर को देखा उसके लिए सीधे तौर पर इन दोनों नेताओं के बयान जिम्मेदार हैं। ये लोग अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते हैं।
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