नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता ममता बनर्जी ने कांग्रेस के खिलाफ खुलकर बयानबाजी की है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अब कोई यूपीए नहीं है। इसके अलावा उन्होंने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। अब कांग्रेस ने उन पर पलटवार किया है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि क्या ममता बनर्जी को नहीं पता यूपीए क्या है? मुझे लगता है कि उन्होंने पागलपन शुरू कर दिया है। वह सोचती है कि पूरे भारत ने 'ममता, ममता' का जाप करना शुरू कर दिया है। लेकिन भारत का मतलब बंगाल नहीं है और अकेले बंगाल का मतलब भारत नहीं है। पिछले चुनावों (पश्चिम बंगाल में) से उनकी रणनीति धीरे-धीरे उजागर हो रही है।
चौधरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी और ममता ने मिलकर जो सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का सियासी खेल खेला वो सामने आ रहा है। बीजेपी ने एनआरसी पर अपना रुख बदला, यह चुनाव के साथ समाप्त हुआ। एनआरसी का डर दिखाकर वे चुनाव में फायदा उठाना चाहते थे। इसलिए, ममता बनर्जी जो कुछ भी कहती हैं, बीजेपी उससे सहमत है। बीजेपी को खुश रखने के लिए आज ममता बनर्जी का रुख 'मिले सुर मेरा तुम्हारा, तो सुर बने हमारा' वाला है।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में टीएमसी के 6 मंत्री थे। 2012 में ममता बनर्जी ने यूपीए से समर्थन वापस लेने के लिए कोई न कोई बहाना बनाया था। वह उस समय यूपीए सरकार को तोड़ना चाहती थीं। लेकिन वह सफल नहीं हुई क्योंकि अन्य पार्टियों ने तुरंत सरकार का समर्थन किया। यह उनकी पुरानी साजिश है। आज उनकी ताकत इसलिए बढ़ गई है क्योंकि मोदी जी उनके पीछे खड़े हैं। इसलिए, वह कांग्रेस को कमजोर करने के लिए सभी प्रयास कर रही हैं।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने कांग्रेस के खिलाफ बयान दिया था। ममता बनर्जी के साथ बैठक में एक मजबूत विकल्प की बातचीत पर जब शरद पवार से जब पूछा गया कि क्या कांग्रेस इसका हिस्सा होगी, तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस हो या कोई अन्य पार्टी, बात यह है कि जो भाजपा के खिलाफ हैं, अगर वे साथ आएंगे, तो उनका स्वागत है।
इस पर चौधरी ने कहा कि शरद पवार ने कांग्रेस के खिलाफ कुछ नहीं कहा। वह एक वरिष्ठ नेता हैं। हम उसका बहुत सम्मान करते हैं। शरद पवार और अन्य दलों के लोगों को फंसाने और यह दिखाने के लिए कि भाजपा का एक विकल्प आ गया है, यह ममता बनर्जी की एक सोची-समझी साजिश है। इससे बीजेपी को सबसे ज्यादा फायदा हो रहा है। जब बीजेपी पूरे भारत में संघर्ष कर रही है और उनकी स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है, तो ममता बनर्जी ने उन्हें ऑक्सीजन देने का फैसला किया है। ममता बनर्जी बीजेपी की ऑक्सीजन सप्लायर बन गई हैं इसलिए बीजेपी उनसे खुश है।
इससे पहले ममता बनर्जी ने मुंबई में सिविल सोसायटी के सदस्यों के साथ बातचीत के दौरान कहा कि सभी क्षेत्रीय दल एक साथ आए तो भारतीय जनता पार्टी को हराना आसान होगा। इस पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि भारतीय राजनीति की हकीकत सभी जानते हैं। यह सोचना कि कांग्रेस के बिना कोई भी भाजपा को हरा नहीं सकता, महज एक सपना है।
पवार के मुलाकात के बाद बनर्जी ने कहा कि फासीवाद के खिलाफ किसी की लड़ाई के रूप में एक मजबूत वैकल्पिक रास्ता बनाया जाना चाहिए। शरद जी सबसे वरिष्ठ नेता हैं और मैं अपने राजनीतिक दलों पर चर्चा करने आई हूं। शरद जी ने जो भी कहा मैं उससे सहमत हूं। यूपीए नहीं है। वहीं पवार ने कहा कि संजय राउत और आदित्य ठाकरे ने उनसे मुलाकात की। आज, मेरे साथियों और मैंने उनसे लंबी बातचीत की। उनका इरादा है, आज की स्थिति में समान विचारधारा वाली ताकतों को राष्ट्रीय स्तर पर एक साथ आना होगा और सामूहिक नेतृत्व स्थापित करना होगा। हमें नेतृत्व के लिए एक मजबूत विकल्प प्रदान करना होगा। हमारी सोच आज के लिए नहीं चुनाव के लिए है। इसे स्थापित करना होगा और इसी मंशा के साथ उन्होंने दौरा किया है और हम सभी के साथ बहुत सकारात्मक चर्चा की है।
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