देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस का मानना है कि मौजूदा केंद्र सरकार के एजेंडे में महंगाई, विकास, समरसता, गायब है। सरकार के एजेंडे में सिर्फ उन लोगों की आवाज को दबाना है जो नीतियों के राय नहीं रखते हैं। जो पार्टियां आज महंगाई, भ्रष्टाचार, तानाशाही के खिलाफ बोल रही हैं उनके खिलाफ ईडी और सीबीआई का बेजा इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन कांग्रेस पार्टी सरकारी खौफ से डरने वाली नहीं है। सरकारी जुल्म का हिसाब किताब ना सिर्फ सदन में लिया जा रहा है बल्कि सदन से बाहर सड़क पर भी लिया जाएगा। कांग्रेस पार्टी ने फैसला किया है कि पांच अगस्त को सांसद संसद से चलो राष्ट्रपति भवन का मार्च निकालेंगे। इसके साथ ही उसी दिन कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य और वरिष्ठ नेता पीएन आवास का भी घेराव करेंगे।
गैर बीजेपी राज्य सरकारों के साथ भेदभाव
देश में वो सरकारें जो विपक्ष के द्वारा शासित हैं वहां विकास कार्य के लिए फंड की उपलब्ध्ता नहीं है। केंद्र सरकार अपनी नाकामियों की ठीकरा सरकारों पर थोप रही है। देश की जनता इस तरह की नीतियों से त्रस्त है, लिहाजा कांग्रेस ने फैसला किया है कि मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ एक सुर में बोला जाए ताकि सरकार के ऊपर दबाव बनाया जा सके।
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