नई दिल्ली : लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि यदि जरूरत पड़े तो पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए। साथ ही रंजन ने इस मामले में भाजपा नेताओं की गंभीरता पर सवाल उठाए। चौधरी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, 'पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग कर रहे हैं। यदि स्थितियां बनती हैं तो राज्य में निश्चित रूप से राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए लेकिन मैं पूछता है कि क्या इस बारे में भाजपा नेता वाकई में उतना ही गंभीर हैं जितना कि वे बाहर से दिखाई दे रहे हैं।'
कांग्रेस नेता ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुलाकात के बाद पोंजी घोटाले की जांच धीमी हुई है। क्या पीएम मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के बीच कोई समझौता हुआ है? राज्य सरकार के प्रति भाजपा नेताओं की गंभीरता पर संदेह पैदा हो रहा है।' बता दें कि मुर्शिदाबाद जिले में अपने कार्यकर्ता, उसकी पत्नी और की निर्मम हत्या के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने गुरुवार को ममता बनर्जी सरकार की तीखी आलोचना की। संघ ने सरकार से कहा कि वह राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने के बारे में गंभीरता से विचार करे।
आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी एवं विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अंतरराष्ट्रीय कार्यसमिति के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, 'ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। वे दबंगई, लूट, रेप और हत्या के जरिए अपने विरोधियों को दबाना चाहते हैं।'
उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार के लिए यह विचार करने का समय आ गया है कि क्या पश्चिम बंगाल में संविधान के मुताबिक शासन चल पा रहा है या राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने का समय आ गया है।' आरएसएस नेता ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल की जनता तृणमूल कांग्रेस को करारा जवाब देगी। बुधवार को आरएसएस कार्यकर्ता, उनकी पत्नी और बच्चे का शव उनके घर में मिला। पश्चिम बंगाल में आरएसएस के पदाधिकारी जिश्नू बसू के मुताबिक कार्यकर्ता संघ की 'साप्ताहिक बैठक' से जुड़ा था।
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