Khargone Violence: एक बार फिर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह निशाने पर हैं। ताजा मामला मध्य प्रदेश के खरगौन में रामनवमी के दौरान हुई हिंसा का है। दिग्विजय सिंह पर आरोप है कि उन्होंने खरगौन हिंसा मामले में गलत तस्वीर ट्वीट कर हिंसा भड़काने की कोशिश की है। असल में मंगलवार को मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मस्जिद में भगवा ध्वज लगाते बिहार के फोटो को खरगोन का बताकर ट्वीट किया और बाद में डिलीट कर दिया। और अब वह इसी के बाद निशाने पर हैं।
करेंगे कार्रवाई
गलत ट्वीट मामले पर मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि दिग्विजय सिंह ने गलत ट्वीट कर भ्रम फैलाया और बाद में डिलीट कर दिया। मिश्रा ने कहा कि दिग्विजय सिंह ने हमेशा की तरह मध्य प्रदेश को बदनाम किया। वह इस तरह का ट्वीट कर सांप्रदायिक तनाव फैलाने का काम करते रहे है। उन्होंने कहा कि इस मामले में वह कानूनी विशेषज्ञों की राय ले रहे है। ताकि उन पर वैधानिक कार्रवाई की जा सके।
बुलडोजर से आरोपियों की संपत्ति कार्रवाई
इस बीच खरगौन हिंसा के आरोपियों पर शिवराज सिंह सरकार ने कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। एक्शन मोड में आई सरकार ने दंगा करने वाले आरोपियों की अवैध दुकानों और घरों पर बुलडोजर चलाने शुरू कर दिए। और अब शिवराज सरकार के इस एक्शन पर सवाल भी उठ रहे हैं। यह पूछा जा रहा है कि 24 घंटे के अदर दंगाइयों की पहचान करन और बुलडोजर चलाना कहा तक संभव है। खरगौन में सोमवार को 45 मकान और दुकान पर बुलडोजर चलाया गया है। इस कार्रवाई पर दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि क्या भारत के किसी कानून या नियम में इस बुलडोजर संस्कृति का प्रावधान है? यदि आपको गैर कानूनी तरीके से बुलडोजर चलाना ही है तो उसमें धर्म के आधार पर पक्षपात तो ना करें।
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