नई दिल्ली। कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह जब कुछ बोलते हैं तो विवादों को वो न्यौता देते हैं। जेएनयू कैंपस में हाल में हुई हिंसा के लिए कौन जिम्मेदार है इसकी जांच चल रही है। लेकिन वो नतीजे पर पहुंचे और कहा कि आरएसए स्कूल की विचारधारा में घृणा की पढ़ाई कराई जाती है और उसका असर आप देख रहे हैं। उनके इस बयान की बीजेपी की तरफ से तीखी आलोचना की गई।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि संघ जिस तरह से अपने एजेंडे को लागू कराना चाहता था मौजूदा सरकार उसी रास्ते पर आगे बढ़ रही है। समाज में घृणा का भाव भरा जा रहा है। विश्वविद्यालयों को राजनीति के अखाड़े में बदला जा रहा है जिसका असर हम देख रहे हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि जो लोग इस सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं उन्हें खास चश्मे से देखा जा रहा है। संघ की सोच ये है कि वो कहते कुछ और है और जमीन पर उल्टा काम करते हैं।
दिग्विजय सिंह के बयान पर बीजेपी नेताओं का कहना है कि उनके बयानों को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। वो उस तरह के शख्स हैं जो सिर्फ चर्चा में बने रहने के लिए विवादित बयान देते हैं, राजनीति में अप्रसांगिक हो चुके दिग्विजय सिंह को लगता है कि बीजेपी और आरएसएस को गाली देकर वो अपने आप को कांग्रेस के लिए उपयोगी साबित कर सकते हैं। हकीकत में कांग्रेस और उसके नेता बीजेपी की कामयाबियों से हताश हैं और उस हताशा में बेसिरपैर की बात करते हैं।
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