कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। शेरगिल ने कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यालय के दरवाजे उनके लिए बंद हो गए। पार्टी में चाटुकारिता हावी है।
जयवीर शेरगिल ने इस्तीफ देते हुए कहा- "मैंने कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे का प्राथमिक कारण यह है कि कांग्रेस में निर्णय अब जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए नहीं किया जा रहा है। यह विशुद्ध रूप से एक मंडली से प्रभावित हो रहा है जो केवल चाटुकारिता में लिप्त है।"
शेरगिल पेशे से एक वकील हैं और पिछले आठ सालों से कांग्रेस से जुड़े हुए थे। उन्होंने कुछ कांग्रेस नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा- "पिछले 8 सालों में मैंने कांग्रेस से कुछ नहीं लिया बल्कि दिया है। आज जब मुझे लोगों के सामने झुकने के लिए मजबूर किया जा रहा है क्योंकि वे शीर्ष नेतृत्व के करीब हैं; यह मुझे मंजूर नहीं।"
शेरगिल यहीं नहीं रुके, आगे उन्होंने गांधी परिवार पर भी हल्ला बोल दिया। उन्होंने कहा- "कांग्रेस पार्टी का निर्णय अब जमीनी हकीकत से मेल नहीं खाता। मैं राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी से मिलने के लिए एक साल से अधिक समय से समय मांग रहा हूं, लेकिन समय नहीं मिला।"
बता दें कि कांग्रेस के कई नेता लगातार अपनी नाराजगी दिखा रहे हैं। पहले गुलाम नबी आजाद फिर आनंद शर्मा पहले ही पार्टी को झटका दे चुके हैं। अब युवा नेता जयवीर शेरगिल ने भी अपनी नाराजगी दिखा दी है। शेरगिल एक समय में राहुल के करीबी लोगों में शुमार थे, लेकिन उनके इस्तीफे ने साफ कर दिया है कि सबकुछ ठीक नहीं है।
गुलाम नबी आजाद ने जम्मू कश्मीर कांग्रेस के चुनाव समिति से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि यह पद उनके कद के समान नहीं है। वहीं आनंद शर्मा का कहना था कि उनसे बिना चर्चा किए, उन्हें यह पद दिया गया था। उनकी राय नहीं ली गई थी।
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