नई दिल्ली : वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत को लेकर कहा कि उन्हें सेना तक ही सीमित रहना चाहिए और अपने काम से मतलब रखना चाहिए। दरअसल बिपिन रावत ने बीते दिनों देशभर में चल रहे नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों के पीछे के नेतृत्व पर सवाल उठाया था।
जनरल रावत के इन्हीं बयानों को लेकर पी चिदंबरम ने उन्हें ये सलाह दे डाली। आपको बता दें कि पिछले कई दिनों से देशभर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों में कई जगहों से हिंसा की भी खबरें आई है जिसमें कईयों की जानें भी गई है।
आपको बता दें कि जनरल बिपिन रावत ने देशभर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर गुरुवार को एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि इन प्रदर्शनों के पीछे जिन नेतृत्व का हाथ है वह लोगों को गलत दिशा में ले जा रहे हैं। नेतृत्व इस तरह नहीं होता है।
शनिवार को चिदंबरम ने आर्मी चीफ को निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्हें याद दिलाया कि नेता राजनेता सेना को ये नहीं बताती कि उन्हें किस तरह अपना काम करना चाहिए इसलिए उन्हें भी नेताओं को सीख देने की कोई जरूरत नहीं है।
बता दें कि चिदंबरम केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में कांग्रेस की एक महा रैली को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि डीजीपी (डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) और आर्मी जनरल को कहा जा रहा है कि वे सरकार का समर्थन करें। यह शर्मनाक है।
मैं जनरल रावत से ये अपील करना चाहता हूं कि आप सेना के मुखिया हैं और आपको अपने काम से मतलब रखना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि यह आर्मी का काम नहीं है कि वे नेताओं को उनकी ड्यूटी सिखाएं कि उन्हें कैसे काम करना चाहिए। ठीक उसी प्रकार जीस तरह हमारा काम आपके कामों में दखल देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने सीएए और एनआरसी को जल्द से जल्द वापस लेने की मांग की थी क्योंकि ये अवैध और असंवैधानिक है। ये हमारी मांगें हैं और जबतक ये पूरी नहीं होती है हम इसके लिए लड़ेंगे। नागरिकता कानून ने संविधान के आधार को नष्ट किया है। अगर संसद में उनका वश चलता तो वे संविधान को भी बदल डालते।
उन्होंने ये भी कहा कि चूंकि केंद्र की बीजेपी नीत सरकार संविधान को बदल नहीं सकती है इसलिए वे इस तरह के तरीके अपना रही है। आपको बता दें कि चिदंबरम के पहले एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी जनरल रावत को ऐसी सलाह दे चुके हैं। ओवैसी ने कहा था कि उन्हें अपना काम करना चाहिए।
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