यूक्रेन पर भी पार्टी लाइन से अलग रुख, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी के इस बयान के क्‍या हैं मायने?

देश
रंजीता झा
रंजीता झा | SPECIAL CORRESPONDENT
Updated Mar 02, 2022 | 19:11 IST

यूक्रेन मामले में कांग्रेस नेता मनीष तिवारी अपनी ही पार्टी से अलग लाइन रखते नजर आ रहे हैं। मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार के काम में टोका-टाकी नहीं करनी चाहिए। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि राहुल गांधी ने यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित निकासी को लेकर केंद्र सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा किया है।

यूक्रेन पर भी पार्टी लाइन से अलग रुख, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी के इस बयान के क्‍या हैं मायने?
यूक्रेन पर भी पार्टी लाइन से अलग रुख, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी के इस बयान के क्‍या हैं मायने? 

ऐसे वक्त में जब यूक्रेन में फसे भारतीय छात्रों को लेकर जब राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही है, पंजाब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी अपनी ही पार्टी से अलग लाइन ले रहे हैं। मनीष तिवारी का कहना है इस वक्त सरकार पर सवाल उठाना या उनके काम में टोका टाकी करना गलत है। एक तरह से मनीष तिवारी सरकार के प्रयासों की सराहना करते नजर आए।

दरअसल आज यूक्रेन से छात्रों के सुरक्षित वापसी को लेकर पंजाब कांग्रेस के सांसदों ने दिल्ली कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में बैठक की। बैठक लगभग तीन घंटे चली। पंजाब के बाकी सांसद जहां सरकार पर इस मामले में देरी करने का आरोप लगाया, वहीं मनीष तिवारी का कहना था की सरकार को अपना काम करने देना चाहिए। उनके काम में टोका-टाकी नहीं करनी चाहिए।

'हमें कोई धक्के देकर निकाल दे वह अलग बात है', मनीष तिवारी का कांग्रेस पर पलटवार 

दिलचस्प ये है कि आज ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर मोदी सरकार से छात्रों के यूक्रेन से सुरक्षित वापसी का पूरा प्लान पूछा। राहुल ने ट्वीट किया- 

और त्रासदी ना हो इसके लिए केंद्र सरकार को बताना होगा:

  1. कितने छात्रों को बचाकर ला चुके हैं?
  2. कितने अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं?
  3. हर क्षेत्र के लिए विस्तृत निकास प्लान?

इन परिवारों को एक स्पष्ट रणनीति बताना हमारी जि‍म्मेदारी है।

पहले भी पार्टी लाइन से अलग जा चुके हैं मनीष तिवारी

ये पहली बार नहीं है जब मनीष तिवारी पार्टी लाइन से अलग बोलते नजर आए हैं। हाल के दिनों में मनीष ने भारत की विदेश नीति को पुराना और अप्रासंगिक बताते हुए इसमें बदलाव की मांग की। मनीष ने ट्वीट कर कहा था कि गुटनिरपेक्ष या तटस्थ रहने का समय अब खत्म हो चुका है। भारत को ये तय करना होगा कि वो दोनों महाशक्तियों में से किसके साथ है। मनीष का ये स्टैंड जवाहर लाल नेहरू के समय से चले आ रहे गुटनिरपेक्ष रहने के विदेश नीति के खिलाफ है।

'खतरा तो था, पाकिस्तानी ऑर्टिलरी की रेंज में थे प्रधानमंत्री मोदी', कांग्रेस नेता मनीष तिवारी का बड़ा बयान

चाहे वो G–23 के सदस्य होने का मामला हो, या फिर पंजाब चुनाव के दौरान कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची से मनीष का नाम बाहर करने का हो, कांग्रेस नेतृत्व भी लगातार उन्‍हें लेकर संकेत दे रहा है। मनीष तिवारी ने भी खुलकर कहा था कि अगर उनका नाम स्टार प्रचारक में होता तो उन्हें ज्यादा आश्चर्य होता। बहरहाल आज की बैठक में पंजाब कांग्रेस के सांसदों ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिलने का समय मांगा है। इनका मानना है कि यूक्रेन के पूर्वी सीमा के करीब फंसे छात्रों को निकालने के लिए सरकार को रूस से बात करनी चाहिए।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर