Prashant Kishor : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कांग्रेस में कब शामिल होंगे, राजनीतिक गलियारों में यह बात चर्चा का विषय बनी हुई है। कांग्रेस में उनके शामिल होने को लेकर कई तरह की बातें भी कही जा रही हैं। रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि कई वरिष्ठ नेता ऐसे भी हैं जिनकी राय प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल करने को लेकर बंटी हुई है। हालांकि, पीके की पीपीटी पर कांग्रेस नेताओं ने अपनी रिपोर्ट शुक्रवार को पार्टी आलाकमान को सौंप दी। इस रिपोर्ट पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी अंतिम फैसला करेंगी। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक पैनल में शामिल दो नेता केसी वेणुगोपाल एवं प्रियंका गांधी ने सोनया से उनके आवास पर मुलाकात की और उन्हें यह रिपोर्ट सौंपी।
पीके के सुझाव पर बना है पैनल
बता दें कि कांग्रेस को नए सिरे से खड़ा करने के लिए प्रशांत किशोर ने एक पैनल बनाने का सुझाव दिया जिसके बाद सोनिया गांधी ने इस पैनल का गठन किया। इस पैनल में शामिल एक नेता का कहना है कि किशोर के प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा करने के बाद रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंप दी गई है। नेता ने कहा कि पार्टी में पीके की क्या भूमिका होगी, इस पर फैसला सोनिया गांधी करेंगी।
कांग्रेस में शामिल होंगे प्रशांत किशोर? सोनिया गांधी ने किया गहन मंथन, जल्द होगा फैसला
पैनल में पार्टी के दिग्गज नेता शामिल
इस पैनल में प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला, पी चिदंबरम, अंबिका सोनी, जयराम रमेश, मुकुल वासनिक शामिल हैं। इन सभी नेताओं ने पीके के प्रस्तावों पर अपनी विस्तृत राय रिपोर्ट में शामिल की है। सूत्रों का कहना है कि नेताओं के ज्यादातर सुझाव व्यावहारिक एवं उपयोगी पाए गए हैं। जहां तक प्रशांत किशोर की भूमिका की बात है तो इस पर अंतिम फैसला सोनिया गांधी करेंगी।
पीके की भूमिका को लेकर बंटी है राय
सूत्रों का कहना है कि किशोर के बारे में और पार्टी में उनकी भूमिका को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की राय अलग-अलग है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'यह थोड़ा अजीब लगता है। वह न तो औपचारिक रूप से आई-पैक का हिस्सा हैं और न ही वह इस संगठन में किसी पद पर हैं। फिर भी, आई-पैक उनके बिना काम नहीं कर पाता।'
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अब सोनिया लेंगी अंतिम फैसला
पीके की प्रशंसा करने वालों में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत एवं वीरप्पा मोईली जैसे नेता शामिल हैं। मोईली ने कहा कि पीके का विरोध करने वाले नेता सुधार के खिलाफ हैं। कांग्रेस के कुछ नेताओं को लगता है कि पीके के शामिल होने पर पार्टी को फायदा मिलेगा क्योंकि क्षेत्रीय दलों के साथ उनके अच्छे संबंध हैं। हालांकि, कांग्रेस में पीके को मिलने वाली भूमिका को लेकर पार्टी के कई नेता सशंकित हैं। पीके को लेकर अब गेंद पूरी तरह से सोनिया गांधी के पाले में है। अब सबकी नजरें कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष पर टिकी हैं।
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