कांग्रेस पार्टी अगले साल होने वाले संगठनात्मक चुनाव को देखते हुए 1 नवंबर को सदस्यता अभियान शुरू करने जा रही है और यह अगले साल 31 मार्च तक चलेगा। कांग्रेस पार्टी द्वारा पार्टी में सदस्यों को जोड़ने के लिए एक आवेदन पत्र बनाया गया है। आवेदन पत्र डिजिटल और मैन्युअल दोनों तरह के है। लेकिन ज्यादा जोर इस बार डिजिटल माध्यम से सदस्य बनाने पर होगा। सदस्यता को डिजिटल बनाने की जिम्मेदारी सभी राज्यों के पीसीसी को दी गई है।
सदस्यता आवेदन में नाम, पहचान संख्या, जिला, विधानसभा और समाप्ति तिथि और राज्य के पीसीसी के हस्ताक्षर होंगे। सभी सदस्यों का पूरा रिकॉर्ड डिजिटली रखा जाएगा। सभी राज्यों के डिजिटल रिकॉर्ड केंद्रीय इलेक्शन ऑथोरिटी के पास जमा होंगे। एक बार सदस्यता अभियान पूरा होने के बाद ही संगठनात्मक चुनाव की औपचारिक प्रक्रिया शुरू होगी।
कांग्रेस पार्टी की सदस्यता लेने के लिए 5 रुपए देने होंगे। हालांकि सदस्यता शुल्क को लेकर कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में लंबी बहस हुई। कई पुराने सदस्यों ने अतीत में सदस्यता शुल्क बढ़ाने पर हुए विरोध का हवाला दिया। लेकिन आखिरकार सदस्यता शुल्क 5 रुपया रखने पर आम सहमति बन गई। सदस्यता प्रक्रिया को डिजिटल बनाने के लिए ऐप का प्रयोग किया जाएगा। प्रक्रिया को पारदर्शी और गोपनीय बनाने के लिए ऐप का एक्सेस सिर्फ पीसीसी के पास होगा।
अगले साल नए कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव 21 अगस्त से 20 सितंबर के बीच होना है। इसलिए सदस्यता अभियान के काम में समयबद्ध तरीके से तेजी लाई जाएगी। महत्वपूर्ण ये है कि कांग्रेस अपने सदस्यता अभियान को ग्रासरूट लेवल तक ले जाना चाहती है। खास तौर ऐसे वक्त में जब पार्टी का जनाधार हिंदी पट्टी में सिमट रहा है। इसी बाबत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हाल ही में सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारियों के साथ लंबी बैठक की है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेतृत्व ने सभी राज्यों को हिदायत दी है कि अगके 5-6 महीने सदस्यता अभियान को घर-घर तक पहुंचाया जाए।
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