नई दिल्ली: अगले साल होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस कुछ अहम फैसले ले सकती है। कांग्रेस ने कहा है कि वह अगले 60 दिनों के भीतर फैसला करेगी कि राजस्थान में 2023 विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में होंगे या नहीं। पार्टी नेतृत्व के मुताबिक, वह पंजाब जैसी स्थिति पैदा नहीं करना चाहती जहां इसे आखिरी वक्त तक के लिए टाल दिया गया था।
पार्टी यह साफ करेगी कि वह गहलोत या सचिन पायलट के नेतृत्व में चुनावी मैदान में उतरेगी या सामूहिक नेतृत्व का फॉर्मूला अपनाएगी। जल्द ही फाइनल डिसीजन हो जाएगा। खबर के मुताबिक, 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। कुल मिलाकर देखें तो असमंजस की स्थिति जल्द ही खत्म हो जाएगी और यह ऐलान किया जाएगा कि अशोक गहलोत के नेतृत्व में चुनाव में जाना है या नेतृत्व बदलना है।
एक्शन में कांग्रेस, 2024 टास्क फोर्स सहित 3 कमेटियों का गठन किया
पार्टी का मानना है कि स्पष्ट फैसला लेना जरूरी है ताकि चुनाव की तैयारियां पूरे जोश के साथ की जा सकें। पार्टी का मानना है संगठन और कार्यकर्ताओं के बीच कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। अगर अशोक गहलोत के नेतृत्व में चुनाव लड़ना है तो वह भी स्पष्ट होना चाहिए और अगर नेतृत्व बदलना है तो वह भी समय से पहले ही घोषित कर देना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रदेश प्रभारी अजय माकन व अन्य नेताओं से चर्चा के बाद फैसला किया है कि राज्यसभा चुनाव के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा ताकि पंजाब की तरह कोई बदलाव नहीं किया जा सके।
यानी जुलाई तक राजस्थान कांग्रेस में टकराव जारी रहेगा। चिंतन शिविर के बाद अशोक गहलोत ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली है, लेकिन पार्टी युवा नेतृत्व के साथ आगे बढ़ेगी या अनुभव के साथ रहेगी, यह जून के अंत या जुलाई के पहले सप्ताह तक तय हो जाएगा।
2022 में कांग्रेस के इन कद्दावर नेताओं ने पार्टी को बोला बाय बाय
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।