उदयपुर में होने वाले कांग्रेस के चिंतन शिविर की पूरी रूपरेखा तैयार हो चुकी है। उद्देश्य है लगातार हो रही हार, पार्टी संगठन में बदलाव और कार्यकर्ताओं और नेताओं में नया जोश और जान फूंकने की। इसी उद्देश्य से 13,14 और 15 मई को उदयपुर में कांग्रेस के 430 नेता 3 दिनों तक मंथन करेंगे।
14 मार्च को सीडब्ल्यूसी की बैठक में चिंतन शिविर बुलाने का सुझाव आया था। चिंतन शिविर 13 मई को 2 बजे को शुरू होगा। सबसे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का भाषण होगा। शिविर के आखरी दिन 15 मई को दोपहर को राहुल गांधी संबोधित करेंगे। उसके कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में प्रस्ताव एडॉप्ट होगा। ज्यादातर लोग जो आ रहे है वो पदाधिकारी होंगे। चिंतन शिविर का अगर इतिहास देखें तो शिमला में 230 लोग थे। इस बार शिविर में हरेक ग्रुप में 70 लोग होंगे। ग्रुप के लिए मुद्दे शॉर्टलिस्ट किए गए है। चर्चा में कोई पेपर नहीं होगा।
शिविर में आने वाले राजनीतिक प्रस्ताव में राजनीतिक और सामाजिक ध्रुवीकरण, सेंटर स्टेट रिलेशन, जम्मू कश्मीर डीलिमिटेशन का मुद्दा है। इसके साथ ही नॉर्थ ईस्ट की पहचान बदलने की कोशिश पर चर्चा होगी।
शिविर में आर्थिक एजेंडा पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की तरफ से रखा जाएगा। जिसमे पब्लिक सेक्टर का निजीकरण, मंहगाई, नोटबंदी के बाद इकोनॉमी का गिरावट, GST, कोविड मिस मैनेजमेंट, राज्यों के GST बकाया, पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों का जिक्र होगा।
सलमान खुर्शीद इस बार सामाजिक न्याय का एजेंडा पेश करेंगे। जिसमे खासतौर से अनुसूचित जाति, महिला, ट्राइबल कानून के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया जायेगा। साथ ही पिछड़े वर्गों को संगठन में उनके प्रतिनिधित्व पर चर्चा होगी।
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व युवा कांग्रेस के अध्यक्ष राजा बरार ने युवाओं को लेकर इस बार कई नए प्रयोग करने की बात कही है। इस बार शिविर में 50 % लोग 50 साल से कम आयु के होंगे। युवा एजेंडा में शिक्षा और रोजगार को सबसे ज्यादा तवज्जो दिया गया है। न्यू एजुकेशन पॉलिसी और इतिहास को दुबारा से लिखने को मोदी सरकार की कोशिश को एजेंडा में रखा गया है।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा इस ग्रुप के कन्वेनर है। वो लगातार किसान संगठन के लोगों से फीड बैक लेकर एजेंडा तैयार कर रहे है। ये नया ग्रुप बनाया गया है। इस एजेंडे में खेती किसानी से जुड़े मुद्दे उठाए जाएंगे। इस बार एमएसपी का मुद्दा, कर्ज माफी का मुद्दा सबसे अहम रहेगा।
कांग्रेस पार्टी के लिहाज से ये सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा होगा। जिसमे भविष्य की दिशा और दशा को लेकर मंथन होगा। इसका एजेंडा मुकुल वासनिक की टीम ने तैयार किया है। संगठन में सुधार, राष्ट्रीय,राज्य और जिला के स्तर पर बदलाव। इसके साथ ही ऑर्गेनाइजेशन के एजेंडे में दिग्विजय सिंह और प्रियंका गांधी के एजिटेशन ग्रुप द्वारा दिए गए सुझावों को भी शामिल किया गया है। इस ग्रुप ने अगले दो साल के लिए रोड मैप तैयार किया है। अलग अलग राज्यों के लिए अलग अलग एजीटेशन के प्रोग्राम होंगे।
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