नई दिल्ली। भारत में कोरोना केस 50 लाख के आंकड़े को पार कर चुके हैं। पिछले 11 दिन में 10 लाख नए मामले सामने आए। लेकिन इसके साथ अच्छी बात यह है कि मौत के आंकड़ों में गिरावट भी दर्ज की जा रही है। फिर भी चिंता बरकरार है कि कोरोना की रफ्तार पर लगाम कब लगेगी। इन सबके बीत स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा था कि लॉकडाउन की वजह से हम एक बड़ी मुसीबत से निकलने में कामयाब रहे हैं। समय पर लॉकडाउन से 14 से 29 लाख अतिरिक्त केस को रोकने में मदद मिली और इसके साथ ही 37 से लेकर 78 हजार मौतों को रोका जा सका। लेकिर राज्यसभा में कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने सवाल उठाया।
आनंद शर्मा ने हर्षवर्धन से पूछा सवाल
आनंद शर्मा ने पूछा कि स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार को जिन आंकड़ों को पेश किया उसके पीछे आधार क्या है, आखिर किस वैज्ञानिक आधार पर वो इस नतीजे पर पहुंचे हैं। हकीकत तो यह है कि कोरोना की रफ्तार बेलगाम है, लोग डरे हुये हैं। सरकार कहती है कि उसके पास आवश्यक सुविधाओं की कमी नहीं है। लेकिन जमीन पर हालात खराब हैं। वो कहते हैं कि सरकार आखिर किसे बेवकूफ बना रही है।
11 दिन में 10 लाख केस आए सामने
भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों को अगर 24 मार्च से देखें तो लॉकडाउन की अवधि तक लगाम लगा रहा। लेकिन अनलॉक के बाद कोरोना केस में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई। अब कोरोना के केस हर एक दिन 90 हजार से ज्यादा आ रहे हैं। पिछले 11 दिन में 10 लाख लोग उस सूची में शामिल हो चुके हैं। कोरोना के प्रसार के लिए 10 नए इलाकों को जिम्मेदार बताया गया है जिसमें दिल्ली, मुंबई और चेन्नई शामिल हैं। जानकारों का कहना है कि यह बात सच है कि कोरोना के मामले बढ़े हैं। लेकिन जिस तरह से मौत के आंकड़ों में कमी आ रही है वो एक सकारात्मक संकेत है। लेकिन निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है।
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