नई दिल्ली। कोरोना की काली साया पूरी दुनिया पर है और उसकी छाया भारत पर है। पूरा देश इस समय कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। लेकिन कोरोना की रफ्तार तेजी से बढ़ती जा रही है। पचास हजार का आंकड़ा किसी समय सामने आ सकता है। इन सबके बीच महाराष्ट्र में हालात बेकाबू हैं, 1233 केस के साथ महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 17 हजार के करीब पहुंच रहा है और मुंबई में यह तादाद 10 हजार के पार है। इसका अर्थ यह है कि करीब 60 फीसद मामले मुंबई से हैं। एमआईडीसी शोलापुर में तैनात एएसआई ताजुद्दीन रहिमान शेख कोविड 19 का शिकार हुए हैं तो पुणे में 99 मामले सामने आए हैं। सवाल यह है कि क्या महाराष्ट्र में हालात अब बेकाबू हो चुका है।
महाराष्ट्र में हालात बेकाबू
सवाल यह है कि रैपिड टेस्ट किट और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के दावों के बीच क्या महाराष्ट्र सरकार चूक गई है। या यह जो आंकड़े सामने आ रहे हैं इनकी संख्या कहीं और अधिक होती अगर लॉकडाउन का पालन न किया गया होता। महाराष्ट्र सरकार ने शराब बेचने की इजाजत दी थी। लेकिन मुंबई से जो तस्वीरें सामने आई थीं। उसके बाद शराब बेचने के फैसले को बीएमसी ने वापस ले लिया। अभी जो 1233 ंमामले सामने आए हैं उसमें यह पता नहीं कितने मामले विशेष रूप से किस जगह से हैं।
राज्य सरकार ने केंद्र से मांगी थी मदद
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि केंद्र सरकार ने डिफेंस और रेलवे के अस्पतालों की आईसीयू के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है हालांकि इसके लिए शर्त यह है कि जब कोई विकल्प शेष न रह जाए उस हालात में आईसीयू का इस्तेमाल किया जाए।
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