नई दिल्ली : देश में कोरोना के नए मामलों में उछाल के बाद ऑक्सीजन सिलेंडरों की खपत एवं इनकी बढ़ी मांग को देखते हुए सरकार ने इनका उत्पादन तेज करने और मेडिकल ऑक्सीजन आयात करने का फैसला किया है। इसके अलावा संकट के दौरान बचत के रूप में रखे गए ऑक्सीजन सिलेंडरों का इस्तेमाल भी किया जाएगा। कोरोना संकट की वजह से जिन राज्यों में मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडरों की मांग ज्यादा है उनकी जरूरतों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। ये फैसले उच्चाधिकार प्राप्त समूह की बैठक में हुए हैं।
ऑक्सीजन सिलेंडर एवं मेडिकल उपकरणों की निगरानी करता है समूह
पिछले साल देश में कोरोना संकट बढ़ने और इलाज में ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार ने मार्च 2020 में कई मंत्रालयों, विभागों और अधिकारियों को मिलाकर एक उच्चाधिकार प्राप्त समूह का गठन किया। इस समूह को ईजी-1 नाम से जाना जाता है। यह समूह देश में मेडिकल ऑक्सीजन सहित इलाज में जरूरी मेडिकल उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ उनकी आपूर्ति की निगरानी करता है।
12 राज्यों में ऑक्सीजन सिलेंडरों की मांग ज्यादा
देश के 12 राज्यों में कोरोना संक्रमण की स्थिति गंभीर है। इन 12 राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में मेडिकल ऑक्सीजन की मांग ज्यादा है। समूह इन राज्यों में ऑक्सीजन की जरूरत को देखते हुए इसकी मैपिंग कर रहा है। ऐसी उम्मीद है कि महाराष्ट्र में उसकी उत्पादन क्षमता से ज्यादा ऑक्सीजन की मांग होने वाली है। जबकि मध्य प्रदेश में अपनी मांग को पूरा करने के लिए राज्य में एक भी ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र नहीं है। कर्नाटक, राजस्थान और गुजरात में ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग में तेजी देखी जा रही है।
50,000 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का होगा आयात
इन राज्यों में बढ़ती मांग को देखते हुए समूह ने 50,000 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का आयात करने का फैसला किया है। सरकार इसके लिए टेंडर निकालेगी। देश में इस समय 50,000 मीट्रिक टन से ज्यादा ऑक्सीजन का स्टॉक है। इसमें औद्योगिक ऑक्सीजन स्टॉक भी शामिल है।
रोजाना 7127 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का हो रहा उत्पादन
सरकार का कहना है कि इस समय देश में रोजाना करीब 7127 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। जरूरत पड़ने पर स्टील संयंत्रों में बचत के रूप में रखे गए ऑक्सीजन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। देश के पास प्रतिदिन 7127 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन करने की क्षमता है और ईजी-2 के निर्देश पर संयंत्र पिछले दो दिनों से अपनी क्षमता का 100 फीसदी उत्पादन कर रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन की मांग एवं आपूर्ति की स्थिति पर उच्चाधिकार समूह की नजर है।
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