कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और वैक्सीनेशन ही सबसे बड़ा हथियार है। भारत में इस समय कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक वी इस्तेमाल में लाई जा रही हैं। वैक्सीनेशन के संबंध में हाल ही में अच्छी खबर 100 करोड़ डोज के संबंध में थी। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 18 प्लस की आबादी में करीब 76 फीसद को एक डोज लग चुकी है और 33.5 फीसद आबादी को दोनों डोज लग चुके हैं, यानी कि 33.5 फीसद पुरी तरह वैक्सीनेटेड हो चुकी है।
वैश्विक एजेंसियां कर चुकी हैं सराहना
भारत में कोरोना टीकाकरण की रफ्तार की विश्व स्वास्थ्य संगठन और दूसरी वैश्विक एजेंसियां सराहना कर चुकी हैं। भारत में टीकाकरण की रफ्तार पर जानकारों का कहना है कि यह सब बेहतर नियोजन का परिणाम है। आने वाले समय में जब कुछ और टीके उपलब्ध हो जाएंगे तो टीकाकरण की रफ्तार में और तेजी आएगी और लक्ष्य को हासिल किया जा सकेगा। अगर दुनिया के छोटे छोटे मुल्कों से तुलना करें तो भारत में कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज है।
कोरोना वैक्सीनेशन पर हुई थी सियासत
कोरोना वैक्सीनेशन के संबंध में केंद्र सरकार को विपक्षी आलोचना का सामना करना पड़ा था। यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट की चौखट तक गया और सरकार की तरफ से हलफनामा दिया गया कि दिसंबर तक लक्ष्य को हासिल करने के करीब होगी। कोरोना टीका के बंटवारे को लेकर तरह तरह की परेशानियों के साथ विपक्षी राज्यों की तरफ से आरोप भी लगाए गए थे। इस विषय पर मंथन के बाद केंद्र सरकार ने फैसला किया कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर अब सबको मुफ्त में टीका लगाया जाएगा। हालांकि इसके साथ ही प्राइवेट अस्पतालों को भी टीका लगाने की अनुमति दी गई थी।
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