नई दिल्ली : कोरोना वायरस संक्रमण से निजात के लिए हर किसी को वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है, जो आज (शनिवार, 16 जनवरी) से शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 10:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत करेंगे। पहले दिन देशभर में कुल 3006 केंद्रों पर एक साथ टीकाकरण की शुरुआत होगी। एक केंद्र में एक सत्र में लगभग 100 लोगों को टीका लगाया जाएगा। टीकाकरण के लिए सभी इंतजाम और जरूरी तैयारियां पहले ही पूरी कर ली गई हैं। इन सबके बीच क्या आपको मालूम है कि कोरोना वैक्सीन हमारे शरीर में किस तरह काम करता है और हमें संक्रमण तथा बीमारियों से बचाता है? आइये जानते हैं, इस बारे में विस्तार से।
वैक्सीन किस तरह इम्यून सिस्टम को रोगों से लड़ने के लिए तैयार करता है, इसे जानने से पहले यह समझ लेना जरूरी है कि हर शरीर में एक प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम होती है, जो कीटाणुओं से हमारे शरीर की रक्षा करती है। कई बार यह प्राकृतिक रूप से इतनी मजबूत होती है कि हमारे शरीर पर जब कभी रोगाणुओं का हमला होता है, शरीर का स्वाभाविक इम्यून सिस्टम उससे लड़ने के लिए विशेष कोशिकाओं को भेजता है और बीमारी से शरीर को बचा लेता है। लेकिन कई बार ऐसा नहीं होता। कई कारणों से लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती चली जाती है, जिससे रोगाणुओं से लड़ने की क्षमता भी प्रभावित होती है। ऐसी स्थिति में वैक्सीन इम्युनिटी को मजबूत करने का एक कारगर तरीका है।
वैक्सीन किसी रोगाणु या वायरस का कमजोर या निष्क्रिय रूप ही होता है, जो शरीर में रहते हुए किसी भी वायरस, जीवाणु, कीटाणु या रोगाणु से लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हो जाता है। ऐसे में जब कभी संबंधित वायरस या रोगाणु का शरीर में हमला होता है, वैक्सीन के जरिये शरीर में प्रवेश करने वाले निष्क्रिय रोगाणु या वायरस सक्रिय हो उठते हैं और उससे लड़कर शरीर को बीमारी से मुक्त रखने में कामयाब होते हैं। कोई भी वैक्सीन पूरी तरह इम्यून सिस्टम पर ही काम करता है। ऐसे में यह जान लेना जरूरी है कि हमारा इम्यून सिस्टम किस तरह से काम करता है।
दरअसल, जब कभी कोई वायरस या रोगाणु हमारे शरीर पर हमला करते हैं तो लिम्फोसाइट्स नाम की एक प्रतिरक्षा कोशिका एंटीबॉडी का निर्माण करती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, एक स्वस्थ इंसान में एक दिन में लाखों एंटीबॉडी का निर्माण हो सकता है। ये एंटीबॉडी इतनी तेजी के साथ संक्रमण से लड़ते हैं कि कई बार इंसानों को इस बारे में पता ही नहीं चल पाता कि वे किसी तरह के संक्रमण कीचपेट में आए हैं या नहीं। यही वजह है कि कुछ लोग जल्दी संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं, जबकि कई लोगों के साथ ऐसा नहीं होता। साफ तौर पर यह इस पर निर्भर करता है कि किसके शरीर में एंडीबॉडी का निर्माण किस तेजी के साथ हुआ और उसकी इम्युनिटी कितनी मजबूत है।
टीकाकरण से दुनियाभर में कई बीमारियों पर काबू पाया गया है। खसरा, चेचक, पोलियो, डिप्थीरिया, टिटनेस जैसी बीमारियों पर अब काफी हद तक काबू पा लिया गया है और निश्चित रूप से इसमें वैक्सीन की अहम भूमिका रही है। हालांकि एचआईवी एड्स सहित दुनियाभर में ऐसी कई बीमारियां हैं, जिनकी रोकथाम के लिए अब तक कोई वैक्सीन नहीं ढूंढ़ा जा सका है। कोरोना वायरस महामारी पर काबू पाने में वैक्सीन कितनी कारगर होगी, इसका पता तो आने वाले दिनों में ही चल पाएगा। लेकिन वैज्ञानिक इसे लेकर आश्वस्त हैं कि वैक्सीनेशन से इस घातक संक्रामक रोग पर काबू पाने में भी उसी तरह मदद मिलेगी, जैसे चेचक, खसरा, पोलिया, डिप्थीरिया, टिटनेस जैसी बीमारियों के रोकथाम में कामयाबी मिली है।
विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि वैक्सीनेशन से नवजात शिशु, अत्यधिक बीमार या बुजुर्ग लोगों, गर्भवती महिलाओं सहित उन सभी लोगों को भी सुरक्षित रखा जा सकेगा, जिन्हें वैक्सीन नहीं लगाई जा सकती। उनका कहना है कि अगर एक समूह विशेष का टीकाकरण हो जाता है तो उस बीमारी के दूसरे लोगों में फैलने की आशंका काफी कम रह जाती है। इस प्रकार की सामूहिक सुरक्षा स्थिति को ही विशेष 'हर्ड इम्युनिटी' कहते हैं। हालांकि कई बार टीकाकरण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता की सामान्य प्रक्रिया को नुकसान भी पहुंचा सकती है, पर आम तौर पर वैक्सीन लेने वाला व्यक्ति उससे संबंधित बीमारी या संक्रमण का शिकार नहीं होता।
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