Discharge policy: आखिर क्यों बदल दी गई डिस्चार्ज नीति? स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया

देश
लव रघुवंशी
Updated May 11, 2020 | 17:20 IST

Discharge policy: स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि डिस्चार्ज नीति को बदल दिया गया है। कई देशों ने अपनी नीति में बदलाव किए हैं। हमने भी इस आधार पर बदलाव किए हैं।

Lav Agarwal
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल  |  तस्वीर साभार: ANI

नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि डिस्चार्ज नीति को बदल दिया गया है। इस संबंध में उन्होंने कहा कि कई देशों ने अपनी नीति में टेस्ट-आधारित रणनीति और समय-आधारित रणनीति में बदलाव किए हैं। हमने भी इस आधार पर बदलाव किए हैं।

लव अग्रवाल ने कहा, 'संशोधित नीति के अनुसार, कोविड केयर फैसिलिटी में भर्ती हल्के/बहुत हल्के/पूर्व लक्षण वाले लोगों को लक्षण शुरू होने के 10 दिनों के बाद और 3 दिनों तक बुखार न होने पर छुट्टी दी जा सकती है। डिस्चार्ज से पहले परीक्षण करने की आवश्यकता नहीं है, डिस्चार्ज के बाद होम आइसोलेशन की सलाह दी जाती है।'

नई नीति के अनुसार, केवल गंभीर रोगियों, जिनमें एचआईवी, प्रत्यारोपण और असाध्य रोगी शामिल हैं उन्हें डिस्चार्ज से पहले आरटी-पीसीआर द्वारा एक बार नेगेटिव टेस्ट करना होगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया कि जिन लोगों में कोविड-19 के लक्षण नजर आ रहे हैं, वे स्वयं इसकी जानकारी प्रशासन को दें ताकि उनके जरिए संक्रमण अन्य लोगों में ना फैले। 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में इलाज के बाद अभी तक कुल 20,917 लोग कोरोना वायरस से संक्रमण मुक्त हुए हैं, कोविड-19 मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 31.15 प्रतिशत है, पिछले 24 घंटे में 1,559 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हुए हैं। पिछले 24 घंटे में सोमवार सुबह आठ बजे तक कोविड-19 के 4,213 नए मामले सामने आए जबकि 97 लोगों की संक्रमण से मौत हुई। देश में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमितों की कुल संख्या 67,152 मृतकों की कुल संख्या 2,206 हुई।

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