नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के मामले 16 लाख के करीब पहुंच गए हैं। जब देश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में एक सवाल बार-बार उठ रहा है कि क्या देश में कोरोना का कम्यूनिटी ट्रांसमिशन हो गया है। हालांकि केंद्र सरकार अभी तक इससे इनकार करती आई है। गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो एक बार फिर उनके सामने ये सवाल आया। हालांकि इस बार उन्होंने विस्तार से बताया कि कम्यूनिटी ट्रांसमिशन क्या है और देश में ये क्यों नहीं हुआ है।
हेल्थ मिनिस्ट्र के अधिकारी ने कहा, 'हमारे देश में 138 करोड़ जनसंख्या है। 740 जिलों में से सिर्फ 50 जिलों में 80 प्रतिशत मामले हैं। नए मामलों में से 80% में संक्रमण और करीबी संपर्क का स्रोत 72 घंटे के भीतर पता लगाया जा रहा है। ऐसे में यह कैसा कम्यूनिटी स्प्रेड है?'
उन्होंने कहा, 'पहले तो हमें ये जानना होगा कि कम्यूनिटी स्प्रेड होता क्या है। उसी के बाद कोई सार्थक बहस हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा इसकी कोई परिभाषा नहीं दी गई है। डब्ल्यूएचओ कहता है कि आप अपने देश की परिस्थिति के आधार पर बीमारी को कैटेगराइज करो। एक परिभाषा है कि कम्यूनिटी स्प्रेड तब है जो ये पता लगाना असंभव हो कि किसने किसको संक्रमण दिया।'
अधिकारी ने आगे कहा, 'भारत में जिलों की संख्या 740 है, उसमें से सिर्फ 50 जिले ऐसे हैं जहां कोरोना के 80 प्रतिशत मामले हैं। इतने बड़े देश में जहां 138 करोड़ जनसंख्या है, 740 जिले हैं। वहां सिर्फ 50 जिलों में 80 प्रतिशतक केस हैं तो आप कैसे कहेंगे के कम्यूनिटी स्प्रेड है। इतना ही नहीं कई राज्यों ने ये करके दिखाया है कि नए 80% मामलों में 72 घंटों में न सिर्फ ये पता लगाया गया कि संक्रमण कहां से आया जबकि उसके करीबी संपर्कों को भी ढूंढ पा रहे हैं तो कैसे कहेंगे कि कम्यूनिटी ट्रांसमिशन है।'
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