नई दिल्ली: कोरोना वायरस ने लगभग पूरी दुनिया में अपने पैर पसार रखे हैं और इस वैश्विक महामारी की जद में आए भारत समेत सभी देश जानलेवा विषाणु से निपटने में जुटे हैं। चीन से शुरू हुई इस महामारी से मुकाबले के लिए विदेशों से आने वाले यात्रियों को लेकर सावधानी बरती जा रही है और इसके तहत अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर जांच और संक्रमित यात्रियों को पृथक करने जैसे उपाय किए जा रहे हैं। हालांकि सरकार और प्रशासन की तमाम सतर्कता के बावजूद कई जगह लापरवाही भी नजर आ रही है।
ऑस्ट्रेलिया से बुधवार को लौटे अक्षय ने बताया कि मुम्बई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर साफ-सफाई को लेकर तो व्यवस्था चाक-चौबंद थी, लेकिन तापमान जांचने वाले शख्स को मास्क लगाए बिना काम करते देखकर हैरानी हुई।उन्होंने कहा कि मैं ऑस्ट्रेलिया से वाया सिंगापुर भारत पहुंचा। सिंगापुर में यात्रियों के तापमान को मापने के लिए जगह-जगह विशेष स्क्रीन लगी थी। वहीं मुम्बई में एक मशीन को सिर पर लगाकर हमारी जांच की गई। तापमान मापने वाले ने मास्क भी नहीं पहना था, हालांकि हाथ में दस्ताने थे।
उन्होंने बताया कि हवाई अड्डे पर साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जा रहा था। कर्मचारी कुर्सियों को कीटाणुनाशकों की मदद से थोड़े-थोड़े अंतराल पर संक्रमण मुक्त कर रहे थे। वहीं हवाई अड्डे पर मौजूद सभी गार्ड सहित सभी कर्मियों ने दस्ताने पहने हुए थे। दुबई से तीन दिन पहले लौटी सुरैया ने कहा कि मुम्बई के अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्रियों की जांच पर बेहद ध्यान दिया जा रहा था। उनके ‘सेल्फ डिक्लरेशन फॉर्म’ को बहुत गौर से देखा गया। उन्होंने कहा कि वहां एक चिकित्सीय दल भी तैनात था जो लोगों से ‘सेल्फ डिक्लरेशन फॉर्म’ लेते समय उन्हें आगे अमल में लाए जाने वाले एहतियाती उपायों की जानकारी दे रहा था। साथ ही यह हिदायत भी दे रहा था कि यथासंभव घर में ही रहे और जब तक बेहद जरूरी न हो बाहर नहीं निकले।
उन्होंने कहा कि दुबई से आने वाले यात्रियों से अधिकारी आव्रजन काउंटर पर करीब पांच से सात मिनट पूछताछ कर रहे हैं। सुरैया ने कहा कि कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों जैसे इटली, स्पेन, जर्मनी से आने वाले यात्रियों पर अधिकारी खास ध्यान दे रहे हैं। यात्री से करीब 20 मिनट तक पूछताछ की जा रही है। उसका नाम, फोन नंबर और ईमेल आई-डी लेने से लेकर ‘मुम्बई में आवासीय पते की जानकारी के साथ-साथ किसी दूसरे राज्य में जाने की योजना और इसके लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले परिवहन के साधन को लेकर भी सवाल पूछे जा रहे हैं। यहीं नहीं यात्रियों के दोनों हाथों पर 14 दिन तक पृथक रहने के ठप्पे भी लगाए जा रहे हैं।
मुम्बई में जहां इतनी सुरक्षा दिखी वहीं दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर कर्मचारी सतर्क नजर नहीं आए। दुबई से हाल ही में भारत लौटी निधि ने कहा कि दुबई से आते समय वहां के हवाई अड्डे पर काफी सर्तकता दिखी लेकिन जब मैं दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची तो यहां की स्थिति देखकर हैरान रह गई। यहां तापमान जांचने वाली महिला न तो दस्ताने पहने थे और न ही मास्क लगाया था। वहीं ‘सेल्फ डिक्लरेशन फॉर्म’ की जांच के लिए बैठी महिला कर्मी भी बिना दस्तानों के थी और उसने फार्म को देखे बिना ही मुहर लगा दी। सवाल पूछने का तो मतलब ही नहीं था।
उन्होंने बताया कि दुबई में हवाई अड्डे पर बेहद सतर्कता बरती जा रही है। यहां तापमान मापने के लिए भारत की तरह कर्मियों को नियुक्त नहीं किया गया है, बल्कि ‘आगमन क्षेत्र’ में ‘थर्मल कैमरे’ लगे हैं। किसी यात्री के शरीर का तापमान बढ़ा पाए जाने पर उसे इस क्षेत्र से आगे जाने की अनुमति नहीं दी जाती और यहां से सीधे अस्पताल ले जाया जाता है। वहीं भारत में तापमान मापने के लिए तैनात व्यक्ति एक मशीन यात्री के सिर पर लगाता है, तापमान ज्यादा होने पर उसमें लाल बत्ती जलती है और सामान्य होने नीली बत्ती जलती है।
दुबई से लौटी एक और यात्री आस्था ने कहा कि चंडीगढ़ के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बेहद सावधानी बरती जा रही है। यहां उतरने के बाद हमने सभी कर्मचारियों को मास्क लगाए देखा। ‘सेल्फ डिक्लरेशन फॉर्म’ लेते समय भी वे हिदायतें दे रहे थे। कुछ यात्रियों को वह घर पर ही रहने की सलाह भी दे रहे थे। गौतलब है कि देश में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस के 22 नए मामले सामने आने के बाद भारत में इससे संक्रमित लोगों की संख्या शुक्रवार को 195 हो गई। जबकि चार लोगों की मौत हो चुकी है।
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