नई दिल्ली। कोरोना से निजात कब मिलेगी इसके बारे में पुख्ता तौर पर तभी कुछ कहा जा सकता है जब इससे संबंधित कोई वैक्सीन या दवा बाजार में उपलब्ध हो। इन सबके बीच कोरोना संक्रमितों की तादाद एक लाख 18 हजार के पार चली गई है। बता दें कि इस आंकड़े में अकेले महाराष्ट्र की भागीदारी 44 हजार के करीब है। शुक्रवार को इसमें 2940 लोगों का इजाफा हुआ। आखिर सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र से ही सामने क्यों आ रहे हैं। क्या जिस तरह से अमेरिका खासतौर पर न्यूयॉर्क पर कोरोना कहर बनकर टूट पड़ा है, ठीक वैसे ही महाराष्ट्र, खासतौर से मुंबई निशाना बन रही है।
शुक्रवार को महाराष्ट्र में कोरोना के कुल 63 मरीजों की मौत हो गई। इस तरह से कोरोना से मरने वालों की संख्या अब 1517 तक चली गई है।स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि यह 6वां दिन है जब राज्य में 2 हजार से ज्यादा केस सामने आए है। हालांकि ठीक होने वालों की तादाद भी 12583 है जो 30 फीसद से ऊपर है। इस समय कोरोना के कुल एक्टिव केस 30474 हैं। वर्तमान समय में तीन लाख से ज्यादा लोगों का टेस्ट किया जा चुका है। अब चूंकि टेस्ट की संख्या बढ़ी है तो वैसे भी मामले सामने आ रहे हैं जो अभी तक रिपोर्ट में नहीं थे।
अगर बात मुंबई की करें तो 24 घंटे में कोरोना के 1751 मामले सामने आए और 27 लोग काल के गाल में समा गए। आर्थिक राजधानी मुंबई में कोरोना के मरीजों की संख्या अब 27251 हो चुकी है। जो पूरे महाराष्ट्र के आंकड़ों में 50 फीसद से ज्यादा है। महाराष्ट्र में अह तक 1517 लोगों की जान गई जिसमें मुंबई से 909 लोग हैं।अब इस विषय पर सियासत भी हो रही है। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य में हालात खराब होने के लिए गठबंधन सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है। इसके साथ साथ नौकरशाही भी कसूरवार है। दरअसल मौजूदा सीएम नौकरशाहों पर ज्यादा निर्भर हैं इस वजह से भी हालात खराब हुए हैं।
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