Covid-19 Cases update: 15 जून को करीब 4 महीने बाद देश में कोविड-19 के मामले जब 10 हजार को पार हुए तो उससे साफ हो गया था कि एक बार फिर कोरोना ने रफ्तार पकड़ ली है। और उसी का असर है कि पिछले एक हफ्ते से लगातार हर रोज 9 हजार से 12 हजार के बीच संक्रमण के मामले आ रहे हैं। इस कारण देश में 22 जून को जारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 81 हजार को पार कर चुकी है। और इसमें से 47 हजार से ज्यादा केस महाराष्ट्र और केरल में एक्टिव हैं। लगातार बढ़ते केस के बीच अब 43 जिले ऐसे हो गए हैं, जहां पर पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी को पार कर चुका है। जबकि 14 जून से पहले तक ऐसे जिलों की संख्या 23 थी। जिलों की संख्या बढ़ने से साफ है कि अब संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
क्यों बढ़ा रहा है संक्रमण
तेजी से कोविड-19 के मामले बढ़ने की प्रमुख वजह ओमिक्रॉन के Sub Lineage BA.2, BA 2.38 को बताया जा रहा है। इस मामले में एएनआई के मुताबिक भारतीय सार्स सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्शियम (INSACOG) ने कोरोनों के बढ़ते मामलों पर एक अध्ययन किया है। जिसमें उसने पाया है कि ज्यादातर मामलों में ओमिक्रॉन के Sub Lineage BA.2, BA 2.38 और सब-वैरिएंट्स BA.4, BA.5 पाए गए हैं। उसके अनुसार BA.2 के मामले 60 फीसदी BA 2.38 के 33 फीसदी पाए गए हैं। राहत की बात यह है कि अभी सब-वैरिएंट्स BA.4, BA.5 प्रतिशत कम है। इसकी वजह से रिस्क कम है। और शहरों के आधार पर देखा जाय तो दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, त्रिवेंद्रम, पुडुचेरी और केरल में ज्यादातर BA.2, BA 2.38 के पाए गए हैं।
अभी तेजी से बढ़ेंगे मामले
संक्रमण की रफ्तार आने वाले दिनों में और तेजी से बढ़ने का आशंका है। ऐसा इसलिए हैं पॉजिटिविटी रेट के मामले में अब 43 जिले ऐसे हो चुके हैं, जहां पर 10 फीसदी से ज्यादा रेट है। इसमें 13 राज्यों के 43 जिले शामिल हैं और इसमें ज्यादातर राज्य घनी आबादी वाले हैं। ऐसे में संक्रमण तेजी से फैलने की आशंका है। इस लिस्ट में दिल्ली, गौतम बुद्ध नगर, कोलकाता,जयपुर, भरतपुर,मुंबई, पुणे, थाणे, गुरूग्राम, फरीदाबाद जैसे घनी आबादी वाले शहर हैं। जहां से तेजी से संक्रमण फैलने की आशंका है।
इसी तरह 5-10 फीसदी पॉजिटिविटी रेट वाले शहरों की देखा जाय तो एक हफ्ते में उनकी संख्या में भी इजाफा हो गया है। इनकी संख्या भी 30 से बढ़कर 42 हो गई है। जाहिर इन शहरों में भी पॉजिटिविटी रेट विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानक से ऊपर है।
कितना खतरा
बढ़ते संक्रमण को देखते हुए INSACOG ने भी कहा है कि संक्रमित लोगों की पहचानी की जाय और कोविड प्रोटोकॉल का ज्यादा से पालन किया जाय। जिससे कि संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है। जहां तक खतरे की बात है तो रिकवरी रेट 98.60 फीसदी पर है। यानी संक्रमित होने वाले 100 लोगों में से 99 लोग ठीक हो जा रहे हैं। यानी गंभीर मामलों की संख्या बेहद कम है।
और संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीनेशन भी कारगर दिख रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार अब तक 196 करोड़ से ज्यादा डोज दी जा चुकी है। जिसमें 4.22 करोड़ से ज्यादा प्रीकॉशन डोज लगाई गई है। इसी तरह 12-18 साल की उम्र के बच्चों में 6.90 करोड़ से ज्यादा सेकेंड डोज लगाई जा चुकी है। जिसकी वजह से फिलहाल गंभीर स्थिति वाले मामले बेहद कम हैं।
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