नई दिल्ली: कोरोना को देखते हुए देश में 21 दिन का लॉकडाउन है और लोग घरों में हैं वहीं देश के पीएम मोदी कोरोना से जंग लड़ रहे योद्धाओं का हौसला बढ़ा रहे हैं वहीं उन्होंने चीन के वुहान शहर से पिछले दिनों लौटे कश्मीरी छात्र निजामउर रहमान से शनिवार को फोन पर बात की।
रहमान ने पीएम को बताया कि वुहान में स्थिति भयंकर है। वो वुहान में 60 अन्य कश्मीरी छात्र के साथ मेडिकल की पढ़ाई करते हैं। उसने भारत सरकार का और पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया और कहा समय रहते उनको और उनके मित्रों को वुहान शहर से सुरक्षित निकाल लिया गया।
जब पीएम मोदी ने निजाम उर रहमान से अपना अनुभव साझा करने को कहा कि तो निजाम ने बताया कि 14 दिन अलग थलग रहने के दौरान उन्हें कोई समस्या नही हुई, उन्हें अच्छा खाना दिया गया, खेलने को गेम्स दिए गए। इसलिए जो लोग क्वारनटाइन के दौरान रहते हैं वो भयभीत न हों। पीएम मोदी ने निजाम उर रहमान से कहा कि वह चूंकि मेडिकल की पढ़ाई करते हैं तो ऐसे में लोगों को लॉक डाउन के के महत्व के बारे में बताएं और समझाएं।
गौरतलब है कि चीन का वुहान शहर कोरोना वायरस का केंद्र रहा है। माना जा रहा है कि चीन के इस शहर से पूरे विश्व में इस वायरस का प्रसार हुआ। कश्मीर के 60 छात्र वुहान में ही मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे। लेकिन भारत सरकार से गुहार लगाने के बाद इन लोगों को सुरक्षित भारत लाया गया और 14 दिन के आइसोलेशन की जरूरी प्रकिया के बाद इन्हें अपने घरों को भेज दिया गया है ।
प्रधानमंत्री मोदी ने पुणे की एक नर्स से भी बातचीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 के मरीजों का इलाज कर रहे महाराष्ट्र के सरकारी नायडू अस्पताल की एक नर्स को फोन किया तथा वैश्विक महामारी से लड़ने में अस्पताल के कर्मचारियों के काम की प्रशंसा की।नर्स छाया जगताप को शुक्रवार की शाम को प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन आया।
सोशल मीडिया पर उनकी बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग वायरल हो गई है। मराठी भाषा में बातचीत शुरू करते हुए मोदी ने जगताप से कुशल-क्षेम पूछी। साथ ही प्रधानमंत्री ने पूछा कि वह पूरी लगन से कोविड-19 के मरीजों का इलाज करते हुए अपनी सुरक्षा के बारे में परिवार के डर को कैसे दूर कर रही हैं।
पीएम मोदी ने बढ़ाया सभी का हौंसला
जगताप ने कहा, 'हां, मैं अपने परिवार को लेकर चिंतित हूं लेकिन काम तो करना पड़ेगा। हमें इन हालात में मरीजों का इलाज करना होगा। मैं संभाल रही हूं।' प्रधानमंत्री ने उससे पूछा कि क्या अस्पताल में भर्ती मरीज डरे हुए हैं।
इस पर नर्स ने कहा, 'हम उनसे बात करते हैं। हमने उनसे कहा है कि डरने की जरूरत नहीं है । हमने उन्हें आश्वासन दिया है कि उन्हें कुछ नहीं होगा तथा उनकी रिपोर्ट में वे संक्रमित नहीं पाए जाएंगे।'
ऑडियो क्लिप में जगताप को कहते हुए सुना जा सकता है कि कर्मचारी संक्रमित मरीजों का हौसला बढ़ाने की कोशिश करते हैं।जगताप ने प्रधानमंत्री को बताया कि कोविड-19 के सात मरीजों को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
जब मोदी ने पूछा कि क्या वह, विभिन्न अस्पतालों में बिना थके लगातार काम कर रहे लाखों चिकित्साकर्मियों को कोई संदेश देना चाहती हैं, इस पर जगताप ने कहा, ‘‘डरने की कोई जरूरत नहीं है। हमें इस बीमारी से बाहर निकलना होगा और हमें अपने देश को जिताना होगा। यह अस्पताल और कर्मचारियों का उद्देश्य होना चाहिए।’’मोदी ने जगतप की लगन और सेवा के लिए उन्हें बधाई दी।
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