नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस के खौफ के बीच कुल्हड़ में लोगों को एक 'चमत्कारिक पेय' दिया गया, जिसे उन्होंने थोड़ा नाक-भौं सिकोड़ने के बाद इस विश्वसास के साथ पी लिया कि यह उन्हें कोरोना वायरस के घातक संक्रमण से बचाएगा। लोगों ने थोड़ा नाक-भौं भी इसलिए सिकोड़ा, क्योंकि यह कोई मान्यता प्राप्त दवा या हर्बल चीज नहीं थी, बल्कि यह गोमूत्र था। इस 'गोमूत्र पार्टी' में कई लोग शामिल हुए, जिन्होंने पूरे श्रद्धाभाव के साथ इस पेय पदार्थ का सेवन किया।
'कोरोना वायरस एक अवतार'
'गोमूत्र पार्टी' का आयोजन खुद को अखिल भारत हिन्दू महासभा का अध्यक्ष बताने वाले 'स्वामी' चक्रपाणी की ओर शनिवार को इसके परिसर में किया गया, जिन्होंने दुनिया के नेताओं को भी गोमूत्र का सेवन करने की सलाह दी। इतना ही नहीं, उन्होंने कोरोना वायरस को उन लोगों को दंडित करने के लिए 'अवतार' बताया, जो नॉनवेज खाते हैं। नॉनवेज खाने वलों की आरे से माफी मांगते हुए उन्होंने यह वादा भी कर दिया कि भारतीय कभी मांसाहार नहीं लेंगे।
कोरोना वायरस और नॉनवेज के कनेक्शन को लेकर उनका यह दावा केंद्र सरकार के उस बयान के बावजूद आया है, जिसमें लोगों से ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं देने के लिए कहा गया है कि कोरोना वायरस का संक्रमण अंडों, चिकन, मटन और सीफूड जैसे नॉनवेज से फैलता है। केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने भी 6 मार्च को कहा था कि था कि इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं आया है, जिससे साबित होता हो कि कोरोना वायरस मवेशियों से इंसानों में फैला।
दुनिया के नेताओं को भी दी सलाह
ऐसे में जबकि दुनियाभर के डॉक्टर्स का कहना है कि अब तक कोरोना वायरस के इलाज के लिए कोई दवा सामने नहीं आई है, चक्रपाणी ने दावा किया कि गोमूत्र का सेवन ही कोरोना वायरस का 'एकमात्र इलाज' है। दुनिया के नेताओं से गोमूत्र के सेवन की सलाह देते हुए उन्होंने यह भी कहा, 'हमारे सभी नेता व अधिकारी गोमूत्र पीते हैं। लेकिन वे ऐसा बंद दरवाजों के पीछे और बीमार होने पर करते हैं। ऐसे में यह उस तरह से काम नहीं कर पाता। इसके प्रभावशाली तरीके से काम करने के लिए आवश्यक है कि इसे रोजाना पीया जाए। इससे बीमारियां दूर रहेंगी।'
कोरोना वायरस को दूर भगाने के लिए हुए 'गोमूत्र पार्टी' की शुरुआत यज्ञ और गाय की पूजा के साथ की गई। यहां तक कि वायरस से भी प्रार्थना की गई कि वह शांतिपूर्व लौट जाए और अधिक लोगों की जान न ले। यहां एक तस्वीर भी लगी थी, जिसमें हिंदुओं के लिए पूज्य नरसिंह भगवान को कोरोना वायरस के 'अवतार' के तौर पर दिखाया गया और उस तस्वीर पर भी गोमूत्र अर्पित किया गया।
उन्होंने इस पर जोर दिया कि वैश्विक नेताओं को भारत से गोमूत्र का आयात करना चाहिए, क्योंकि इसमें 'चमत्कारिक गुण' होते हैं और भारत को यह 'उपहार' भगवान से मिला है।
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