नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोविन ग्लोबल कॉन्क्लेव को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि मैं महामारी से सभी देशों में जान गंवाने वालों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। 100 साल में ऐसी महामारी का कोई समानांतर नहीं है। अनुभव से पता चलता है कि कोई भी राष्ट्र, चाहे वह राष्ट्र कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, अलग-थलग रहकर इस तरह की चुनौती का समाधान नहीं कर सकता है। महामारी की शुरुआत से ही भारत इस लड़ाई में अपने सभी अनुभवों, विशेषज्ञता और संसाधनों को वैश्विक समुदाय के साथ साझा करने के लिए प्रतिबद्ध है। अपनी तमाम बाधाओं के बावजूद हमने दुनिया के साथ ज्यादा से ज्यादा शेयर करने की कोशिश की है।
मोदी ने कहा, 'टेक्नोलॉजी कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई का अभिन्न अंग है। सौभाग्य से सॉफ्टवेयर एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें संसाधनों की कोई कमी नहीं है। इसलिए हमने तकनीकी रूप से संभव होते ही अपने कोविड ट्रेसिंग और ट्रैकिंग ऐप को ओपन सोर्स बना दिया।'
उन्होने कहा कि महामारी से सफलतापूर्वक उभरने के लिए टीकाकरण मानवता के लिए सबसे अच्छी उम्मीद है। और शुरुआत से ही हमने भारत में अपनी टीकाकरण रणनीति की योजना बनाते समय पूरी तरह से डिजिटल दृष्टिकोण अपनाने का फैसला किया। पीएम मोदी ने कहा, 'भारतीय सभ्यता पूरे विश्व को एक परिवार मानती है। इस महामारी ने कई लोगों को इस दर्शन के मौलिक सत्य का एहसास कराया है। इसलिए, कोविड टीकाकरण के लिए हमारा टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म जिसे हम CoWin कहते हैं, उसे ओपन सोर्स बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है।
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