नई दिल्ली। क्या मध्य प्रदेश में सबकुथ ठीक चल रहा है। क्या कमलनाथ अपने कार्यकाल को पूरा कर पाएंगे। क्या बीजेपी एक बार फिर संख्या बल को अपने पक्ष में कर सरकार बना लेगी। ये सब ऐसे सवाल हैं जिसका पुख्ता जवाब तो नहीं है, राजनीति में दरअसल सवाल ही पुख्ता होते हैं जवाब बदलते रहते हैं। बुधवार को बीजेपी के कद्दावर नेता नरोत्तम मिश्रा ने दावा किया कि कांग्रेस के करीब 10 विधायक उनके संपर्क में हैं। इस बीच बुधवार की रात ही कांग्रेस के मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि सब कुछ सामान्य है,गुरुग्राम में जो विधायक होटल में ठहरे थे वो अब हमारे साथ हैं। इस बीच कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया।
मंगलवार को शुरू हुआ सियासी खेल
मध्य प्रदेश में सियासत का खेल मंगलवार को शुरू हुआ था। कांग्रेस, बीएसपी और एसपी के कुल नौ विधायक लापता हो गए। लापता 9 विधायकों में पांच विधायकों को बुधवार देर रात भोपाल लाया गया। लेकिन अभी भी चार विधायकों के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के चार विधायक बिसाहू लाल, हरदीप सिंह डंग, रघुराज कंसाना और निर्दलीय सुरेंद्र सिंह शेरा इस समय कहां है पता नहीं है। इनमें से हरदीप सिंह डंग ने इस्तीफा दे दिया है।
बीजेपी के एक विधायक का इस्तीफा !
मध्य प्रदेश की सियासत में इस्तीफे का खेल चल रहा है। कांग्रेस के एक विधायक के इस्तीफे के बाद यह खबर आई कि बीजेपी से जुड़े विधायक नारायण त्रिपाठी ने इस्तीफा दे दिया है। लेकिन उन्होंने इससे से इनकार किया। नारायण त्रिपाठी ने कहा कि वो सीएम कमलनाथ से अपनी विधानसभा में विकास पर चर्चा के लिए मिले थे।
सीएम कमलनाथ ने क्या कहा
मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने कहा कि उन्हें हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे की जानकारी मिली है। अभी न तो उन्हें कोई खत या न ही वो उनसे मिले हैं। जब तक वो डंग से मिल नहीं लेते तब तक किसी तरह की टिप्पणी उचित नहीं है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि बीजेपी की चाल किसी भी सूरत में कामयाब नहीं होगी।
दिग्विजय सिंह ने लगाया था संगीन आरोप
दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को बीजेपी पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा था कि बीजेपी ने कांग्रेस के छह, बीएसपी के दो (एक निलंबित) और एक निर्दलीय विधायक को गुरुग्राम के एक होटल में बंधक बनाया था। इसके साथ यह भी कहा था कि सरकार को समर्थन देने वाले विधायकों को 25 से 35 करोड़ रुपये का ऑफर दिए जाने का आरोप लगाया था। फिर कुछ विधायकों को बीजेपी द्वारा दिल्ली ले जाने की बात कही थी। उसके बाद से राज्य की सियासत में हलचल मची हुई है।
मध्य प्रदेश विधानसभा की तस्वीर
230 सदस्यों वाली विधानसभा में सरकार में बने रहने के लिए 116 विधायकों का समर्थन चाहिए। 2018 के नतीजों में 11 सीटों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सामने आई लेकिन जादुई आंकड़े से 2 सीट पीछे रह गई। कांग्रेस, एसपी और निर्दलियों को समर्थन से सरकार चला रही है। अगर बीजेपी की बात करें तो उसके पास 109 विधायकों की समर्थन है। 2018 चुनाव नतीजों की खास बात यह थी कि बीजेपी को 56 सीटों पर नुकसान का फायदा कांग्रेस को मिला था।
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