'Prashant Bhushan ने पार की सारी हदें', न्यापालिका पर टिप्पणी को लेकर BCI ने लगाई वरिष्ठ अधिवक्ता को फटकार

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Updated Aug 14, 2022 | 07:09 IST

Prashant Bhushan News: बीसीआई ने कहा कि उच्चतम न्यायालय अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू करने में 'किसी एक या अन्य कारणों से संकोच कर सकता है, लेकिन बार काउंसिल इस तरह की चीजों को बर्दाश्त नहीं करेगी।'

Crossed all limits BCI slams Advocate Prashant Bhushan over remarks on SC judges
भूषण ने शीर्ष अदालत के हालिया फैसलों की आलोचना की थी 
मुख्य बातें
  •   बीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण की निंदा
  • किसी को भी न्यायपालिका का उपहास करने का अधिकार नहीं- बीसीआई
  • एक वेबिनार के दौरान प्रशांत भूषण ने की थी सुप्रीम कोर्ट की आलोचना

 Prashant Bhushan News: बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने न्यायपालिका के खिलाफ टिप्पणी को लेकर अधिवक्ता प्रशांत भूषण की आलोचना की है और कहा है कि किसी को भी उच्चतम न्यायालय एवं इसके न्यायाधीशों का 'उपहास' करने का अधिकार नहीं है। इसने यह भी कहा कि वकीलों को 'लक्ष्मण रेखा' नहीं लांघनी चाहिए। बीसीआई के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने एक प्रेस विज्ञप्ति में आरोप लगाया कि भूषण जैसे लोग 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का दुरुपयोग कर रहे हैं' और भारत विरोधी अभियान में शामिल हैं।

पार की सारें हदें

भूषण ने 10 अगस्त को इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (आईएएमसी) द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए जकिया जाफरी और धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) जैसे मामलों में शीर्ष अदालत के हालिया फैसलों की आलोचना की थी। बीसीआई ने कहा, ‘अधिवक्ता ने इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल द्वारा आयोजित एक वेबिनार में बोलते हुए सारी हदें पार कर दीं।’ वरिष्ठ अधिवक्ता मिश्रा ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘उन्होंने न केवल उच्चतम न्यायालय के हमारे न्यायाधीशों की आलोचना की और अनुचित, अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया, बल्कि यह कहकर खुद को बेनकाब कर दिया, और ऐसा करके उन्होंने उच्चतम न्यायालय के कुछ न्यायाधीशों को डराना का चाहा।’

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किसी को उपहास करने का अधिकार नहीं

शीर्ष अधिवक्ताओं के निकाय प्रमुख ने कहा कि किसी को भी भारत के उच्चतम न्यायालय, इसके न्यायाधीशों या न्यायपालिका का उपहास करने का अधिकार नहीं है। बयान में कहा गया, ‘आप व्यवस्था का मजाक नहीं बना सकते...आप किसी की भी आलोचना कर सकते हैं, लेकिन आप लक्ष्मण रेखा पार नहीं कर सकते, हमेशा अपनी भाषा का ध्यान रखें। प्रैक्टिस करने का लाइसेंस आपको वकील के रूप में अपनी स्थिति का दुरुपयोग करने का अधिकार नहीं देता है।'

बयान को बताया निंदनीय

बीसीआई ने भूषण के बयान को 'हास्यास्पद', 'निंदनीय' और राष्ट्र के खिलाफ करार दिया। इसने कहा, "श्री भूषण जैसे व्यक्ति कभी भी नागरिक स्वतंत्रता के नायक नहीं रहे हैं, बल्कि, इस तरह के अनुचित कार्य करके, वे दुनिया को यह संदेश देने में सफल होते हैं कि वे भारत विरोधी हैं। वास्तव में, ऐसे लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का दुरुपयोग कर रहे हैं। हम चीन और रूस जैसे देशों में प्रशांत (भूषण) जैसे लोगों के अस्तित्व की कल्पना नहीं कर सकते।’

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