नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर और सुकमा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ के बाद लापता जवान की तलाश जारी है। इस बीच नक्सलियों ने दावा किया है कि लापता जवान राकेश्वर सिंह मनहास उनके पास है और वो सुरक्षित है। नक्सलियों ने सरकार से मध्यस्थों के नाम मांगे हैं। उसके बाद वो जवान को छोड़ देंगे। माओवादियों ने प्रेस नोट जारी इसकी जानकारी दी है।
बीजापुर मुठभेड़ के बाद नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी किया है। उन्होंने मुठभेड़ में 4 नक्सलियों के मारे जाने की बात स्वीकारी है। जवानों से लुटे गए हथियारों की तस्वीर जारी की गई है।
पुलिस कर रही जवान की तलाश
इससे पहले बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि सीआरपीएफ के 210 कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मनहास की खोज में पुलिस दल को रवाना किया गया है। वहीं जवान के बारे में ग्रामीणों से भी पूछताछ की गई है। सुंदरराज ने कहा कि अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि जवान राकेश्वर नक्सलियों के कब्जे में हैं। नक्सलियों ने इस संबंध में न तो अब तक कोई बयान जारी किया है और न ही कोई तस्वीर भेजी है। पुलिस लगातार जवान राकेश्वर की तलाश कर रही है।
मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हुए
क्षेत्र के एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि संभव है कि जवान राकेश्वर नक्सलियों के कब्जे में हों क्योंकि जिस स्थान पर मुठभेड़ हुई थी उसके आस पास के सभी संभावित जगहों पर जवान की खोज की गई है। लेकिन सोमवार तक उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी। शनिवार को टेकलगुड़ा और जोनागुड़ा गांव के जंगल में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस घटना में 22 जवान शहीद हो गए तथा 31 अन्य जवान घायल हुए हैं। मुठभेड़ के बाद से कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर लापता हैं।
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