रायपुर : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में शनिवार को नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक सहायक कमांडेंट शहीद हो गया, जबकि एक जवान घायल हुआ है। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि नक्सली शहीद अधिकारी की बुलेट प्रूफ जैकेट और एके-47 रायफल लूट ले गए। उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मियों की पांच मोटरसाइकिल भी लापता बताई जा रही हैं।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि घटना सुबह साढ़े 9 बजे जिले के बसागुड़ा पुलिस थाना अंतर्गत पुटकेल गांव में एक छोटी नदी के पास उस वक्त हुई, जब सीआरपीएफ की 168वीं बटालियन का एक गश्ती दल सड़क सुरक्षा ड्यूटी पर निकला था। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ की 168वीं बटालियन के सहायक कमांडेंट शांति भूषण टिर्की शहीद हो गए, जबकि आंध्र प्रदेश निवासी जवान बी अप्पाराव घायल हो गए।
आईजी ने कहा कि सहायक कमांडेंट जिस मोटरसाइकिल पर सवार थे, उसमें मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने आग लगा दी और उनकी एके-47 रायफल और बुलेट प्रूफ जैकेट लूट ले गए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल की पांच मोटरसाइकिल भी लापता हैं और इलाके में तलाशी अभियान जारी है।
आईजी ने कहा कि जब गश्ती दल राजधानी रायपुर से करीब 440 किलोमीटर दूर जंगल में डोंगल चिंता नामक छोटी नदी के निकट घेरा डाल रहा था, तभी माओवादियों ने भारी गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद दोनों तरफ से गोलियां चलीं। उन्होंने बताया कि इस घटना की जानकारी दिये जाने के बाद अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी घटनास्थल पर भेजे गये हैं। स्थिति नियंत्रण में है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस घटना को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया। रायपुर हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए बघेल ने कहा कि हमारे जवान की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमारे सुरक्षाकर्मियों, सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और जन प्रतिनिधियों के प्रयासों से नक्सलियों को बैकफुट पर धकेल दिया गया है, जो इन माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू कर रहे हैं।'
छत्तीसगढ़ में नक्सली घटनाएं बढ़ने के भाजपा के आरोप के बारे में पूछे जाने पर बघेल बोले, 'रमन सिंह के 15 साल के शासन के दौरान (जब भाजपा वर्ष 2003 से 2018 तक सत्ता में थी) नक्सलवाद तीन विकासखंडों से 14 जिलों में फैल गया। क्या यही उनकी उपलब्धि थी?'
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के तीन साल के शासनकाल में नक्सली घटनाएं घटी हैं। बघेल ने दावा किया कि भाजपा राज में नक्सल विरोधी अभियानों में केवल मामूली हथियार बरामद किए जाते थे, लेकिन कांग्रेस राज में उनके वरिष्ठ नेताओं ने आत्मसमर्पण किया या गिरफ्तार हुए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज में कई नक्सली नेता मुठभेड़ों में मारे गए। बघेल ने कहा कि कांग्रेस सरकार में आम लोगों, आदिवासियों, महिलाओं और युवाओं का विश्वास बढ़ा है, इसलिए नक्सलियों को अब यह पत्र लिखने को मजबूर होना पड़ रहा है कि उन्हें भर्ती करने में परेशानी उठानी पड़ रही है।
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