सुरक्षाबलों में 'जासूसों' की तलाश तेज, CRPF में 3 लाख जवानों की हुई 'जांच-परख'      

नक्सल ऑपरेशंस एवं आतंक विरोधी अभियानों से जुड़े रहने वाले सीआरपीएफ के अधिकारी ने कहा कि इस तरह की घटनाएं सामने आने पर सुरक्षा बलों में जांच-परख करना आम बात है।

CRPF screens its 3 lakh staff after J&K DSP's terror expose, सुरक्षाबलों में 'जासूसों' की तलाश तेज, CRPF में 3 लाख जवानों की हुई जांच-परख       
आतंकियों की मदद करने पर देविंदर सिंह की हुई है गिरफ्तारी।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • हिज्बुल के दो आतंकियों की मदद करने पर डीएसपी देविंदर सिंह की हुई गिरफ्तारी
  • पुलिस में 'गद्दार' होने की बात सामने आने पर सुरक्षा बल सतर्क, कर रहे आंतरिक निगरानी
  • कश्मीर में बड़ी संख्या में तैनात है सीआरपीएफ, 3 लाख जवानों की हुई जांच-परख

गुड़गांव : हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकियों को मदद पहुंचाने के मामले में जम्मू-कश्मीर के डीएसपी देविंदर सिंह की गिरफ्तारी ने अन्य सुरक्षा एजेंसियों को चौकस कर दिया है। सुरक्षा एजेंसियों ने अपने यहां इस तरह के संभावित 'जासूस' और 'देश विरोधी करतूतों' में संलिप्त लोगों की तलाश तेज कर दी है। इसी क्रम में सीआरपीएफ ने आशंकाओं को दूर करने के लिए अपने यहां तीन लाख कर्मियों की जांच-परख की है। 

सीआरपीएफ के महानिदेशक एपी माहेश्वरी ने कहा कि आतंकियों को मदद पहुंचाने में डीएसपी देविंदर सिंह की गिरफ्तारी अत्यंत गंभीर बात है और यह सुरक्षाबलों के लिए काफी चिंता का विषय है। अधिकारी ने कहा कि सभी को यह देखना चाहिए कि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।

नक्सल ऑपरेशंस एवं आतंक विरोधी अभियानों से जुड़े रहने वाले सीआरपीएफ के अधिकारी ने कहा कि इस तरह की घटनाएं सामने आने पर सुरक्षा बलों में जांच-परख करना आम बात है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बल की काउंटर-इंटेलिजेंस यूनिटों को सक्रिय कर दिया गया है। बल को उपलब्ध स्रोतों से जो इनपुट्स मिले हैं उनके आधार पर जवानों की क्रियाकलापों एवं विश्वसनीयता की जांच की गई है। जांच एजेंसियों को कुछ समय के लिए अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है।

डीएसपी सिंह की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा, 'देश की सुरक्षा के साथ कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। इसलिए बलों को अपने अंदर आंतरिक नजर रखनी होगी।' बता दें कि जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने गत 11 जनवरी को हिज्बुल मुजाहिदीन के दो आतंकियों नावेद बाबा, अल्ताफ और एक अंडरग्राउड एजेंट के साथ डीएसपी सिंह को कुलगाम जिले से गिरफ्तार किया। 

माहेश्वरी ने कहा कि सुरक्षा बलों में से कोई यदि दुश्मनों के साथ मिलीभगत कर रहा है तो यह 'गंभीर बात' है। हालांकि, इस तरह की एक घटना से पूरे सुरक्षाबलों पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। सुरक्षाबल देश की सुरक्षा में हमेशा तत्पर हैं। 

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में कानून व्यवस्था बनाए रखने में और आतंकविरोधी अभियानों के लिए सीआरपीएफ के करीब 70 हजार अपने जवानों की तैनाती हुई है। भारत सरकार ने गत 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान अपने आतंकियों के जरिए घाटी में आतंक की बड़ी घटनाएं कराने के फिराक में है लेकिन सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के चलते उसके नापाक मंसूबे धरे के धरे रह गए हैं। डीएसपी देविंदर सिंह की गिरफ्तारी पुलिस की एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। 

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