नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने दावा किया है कि एनसीपी को लगता है कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के अधिकारी समीर वानखेड़े और बीजेपी नेताओं के बीच कुछ बात हुई होगी। मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि मुंबई तट से दूर एक क्रूज जहाज पर छापेमारी के बाद वानखेड़े ने कहा था कि 8 से 10 लोगों को हिरासत में लिया गया था, हालांकि सच्चाई यह है कि 11 लोगों को हिरासत में लिया गया था। उन्होंने कहा कि बाद में, 3 लोग - ऋषभ सचदेवा, प्रतीक गाबा और आमिर फर्नीचरवाला को छोड़ दिया गया।
उन्होंने आगे कहा कि एनसीपी एनसीबी से पूछना चाहती है कि जब उन्होंने क्रूज शिप रेड के बाद 11 लोगों को हिरासत में लिया था, तो किसके निर्देश पर उन्होंने 3 लोगों को छोड़ा गया था। उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि एनसीबी तथ्यों का खुलासा करे। मुंबई पुलिस एंटी नारकोटिक्स सेल से स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए मलिक ने कहा कि वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा कि अगर जरुरत पड़ी तो छापेमारी की जांच के लिए एक जांच आयोग का गठन किया जाना चाहिए।
मलिक के ये बयान उसके बाद आए हैं जब उन्होंने आरोप लगाया था कि मुंबई के एक क्रूज पर एनसीबी की छापेमारी फर्जी थी। बीजेपी ने आर्यन खान को फंसाने के लिए केंद्रीय एजेंसी का दुरुपयोग किया है।
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