नई दिल्ली : अपने नए अध्यक्ष के लिए कांग्रेस कार्यसमिति (सीबीडब्ल्यूसी) की अहम बैठक जारी है। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब अध्यक्ष पद पर नियुक्ति को लेकर पार्टी के नेताओं की राय बंटी हुई है। पार्टी के कुछ नेता इस पद पर सोनिया गांधी को देखना चाहते हैं जबकि कुछ नेता ऐसे भी हैं जिन्होंने राहुल गांधी पर भरोसा जताया है। इस बैठक में सोनिया गांधी के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति का फैसला हो सकता है या वह अंतरिम अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे सकती हैं। कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में बदलाव करने की मांग की है। सूत्रों का कहना है कि गांधी इस बैठक में अंतरिम अध्यक्ष पद से हटने की पेशकश और पार्टी को पूर्णकालिक अध्यक्ष की तलाश करने की बात कह सकती हैं। पत्र की बात सामने आने के बाद सांसदों सहित कई नेताओं ने सोनिया गांधी को पद पर बने रहने अथवा राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की है।
सिब्बल ने ट्वीट हटाया
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने अपना ट्वीट हटा लिया है। सिब्बल ने कहा कि उनके पास राहुल गांधी का फोन आया था और उन्होंने बताया कि ऐसा कुछ भी उनकी तरफ से नहीं कहा गया है। इसके बाद मैंने अपना ट्वीट हटा लिया है।
सुरजेवाला ने राहुल का बचाव किया
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने राहुल गांधी का बचाव करते हुए कहा है कि वायनाड के सांसद ने इस तरह का कुछ नहीं कहा है। उनकी बातों का गलत मतलब न निकाला जाए। कांग्रेस को एकजुट होकर मोदी सरकार की गलत नीतियों से लड़ना है।
कपिल सिब्बल बोले-बीते 30 साल में भाजपा का कभी समर्थन नहीं किया
राहुल गांधी के आरोप पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। सिब्बल ने कहा, 'बीते 30 सालों में किसी भी मुद्दे पर भाजपा का समर्थन नहीं किया। फिर भी हम पर भाजपा के साथ मिलभीगत करने का आरोप लगाया जा रहा है।' वरिष्ठ वकील ने अपने एक ट्वीट में आगे कहा, 'राहुल गांधी का कहना है कि हम भाजपा के साथ मिलीभगत कर रहे हैं। हमने राजस्थान और मणिपुर में सरकार गिरने से बचाई। भाजपा के समर्थन में कभी बयान जारी नहीं किया। फिर भी कहा जा रहा है कि हम भाजपा के साथ मिलीभगत कर रहे हैं।'
'असंतुष्ट' नेताओं पर राहुल गांधी का गंभीर आरोप
राहुल गांधी ने अपनी पार्टी के नेताओं पर ही गंभीर आरोप लगाए हैं। सूत्रों के मुताबिक राहुल ने बैठक में कहा कि यह पत्र ऐसे समय क्यों भेजा गया जब सोनिया गांधी अस्पताल में भर्ती थीं। इसके अलावा बैठक में बीच में दखल देते हुए राहुल ने पार्टी के असंतुष्ट नेताओं पर भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया। राहुल के इस आरोप पर पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 'भाजपा के साथ मिलीभगत में यदि शामिल पाया गया तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा।' पत्र हस्ताक्षर करने वाले नेताओं में आजाद भी शामिल हैं। आजाद राज्यसभा में कांग्रेस के नेता हैं।
राहुल ने पत्र की टाइमिंग पर उठाए सवाल
राहुल ने बैठक में कहा कि अध्यक्ष पद पर नियुक्ति को लेकर भेजे गए पत्र का समय उचित नहीं है। खासकर तब जब पार्टी ने राजस्थान का संकट सुलझाया है। पत्र अभी नहीं भेजा जाना चाहिए था।
अपने फैसले पर अडिग सोनिया गांधी
सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने सोनिया गांधी से पद पर बने रहने का अनुरोध किया है। सूत्रों के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बैठक में ऐसे पहले नेता हैं जिन्होंने सोनिया को पद पर बने रहने का अनुरोध किया। वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया है। जबकि सोनिया अपने फैसेल पर अडिग हैं और कमेटी से अगला अध्यक्ष चुनने का अनुरोध किया है। इसके बाद राहुल गांधी ने बैठक को संबोधित करना शुरू किया है।
कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए कई योग्य उम्मीदवार- नरोत्तम मिश्रा
सीडब्ल्यूसी बैठक पर भाजपा नेता एवं मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए में कई योग्य उम्मीदवार हैं जैसे कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, रेहान वाड्रा एवं मिराया वाड्रा। कांग्रेस सदस्यों को यह समझना चाहिए कि कांग्रेस उस स्कूल की तरह है जहां हेडमास्टर के बच्चे ही केवल टॉप करते हैं।'
सीडब्ल्यूसी की बैठक शुरू
कांग्रेस कार्यसमिति की महत्वपूर्ण बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुरू हो गई है। इस बैठक में सीडब्ल्यूसी के सदस्य हिस्सा ले रहे हैं।
बैठक पर उठे सवाल
पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाए जाने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। इन नेताओं का कहना है कि बैठक जिस तरह से बुलाई गई है, उससे कांग्रेस के संविधान का उल्लंघन हुआ है।
राहुल गांधी के समर्थन में जेएंडके कांग्रेस
जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राहुल गांधी को पार्टी का अगला अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की है।
संजय झा ने किया ट्वीट
सीडब्ल्यूसी की बैठक शुरू होने से पहले निलंबित कांग्रेस नेता संजय झा ने सवाल उठाए हैं। झा ने कहा कि नवनिर्वाचित एआईसीसी के बाद ही सीडब्ल्यूसी में सभी निर्णय होने चाहिए नहीं तो यह असंवैधानिक एवं अनुचित होगी।
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