26 मई को चक्रवात यास पश्चिम बंगाल और ओडिशा से गुजर जरूर गया था लेकिन अपने पीछे नुकसान के निशान भी छोड़ गया। चक्रवात यास से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी पहले ओडिशा पहुंचे और बाद में बंगाल का सर्वेक्षण किया। ओडिशा में तो सीएम नवीन पटनायक ने कहा कि यास से हुए नुकसान की भरपाई राज्य सरकार अपने संसाधनों से करेगी। लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार ने रिपोर्ट सौंप कर दीघा विकास और सुंदरबन के लिए 20 हजार करोड़ और 10 हजार करोड़ की मांग की। लेकिन पीएम मोदी और ममता बनर्जी की मुलाकात सियासी हो गया।
नहीं पता था कि रिव्यू मीटिंग है
सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि पीएम के साथ किसी तरह की मीटिंग थी। उनकी मीटिंग दीघा में पहले से तय थी। कलाइकुंडा में वो पीएम से मिलीं। मैंने उन्हें बताया आप मिलना चाहते थे। मैंने इजाजत ली और दीघा के लिए रवाना हो गई। ममता बनर्जी ने कहा कि वो शनिवार को चक्रवात से प्रभावित इलाकों का एरियल सर्वे करेंगी। मुख्य सचिव ने चक्रवात से हुए नुकसान के संबंध में केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंप चुके हैं।
30 मिनट तक ममता बनर्जी ने कराया इंतजार
बताया जा रहा है कि एक ही बिल्डिंग में होने के बावजूद सीएम ममता बनर्जी ने पीएम और राज्यपाल को करीब 30 मिनट इंतजार कराया। रिव्यू मीटिंग में दाखिल होने के बाद उन्होंने पीएम को रिपोर्ट सौंपी और बोलीं कि बहुत सारी मीटिंग में हिस्सा लेना है और यह कह कर वो बाहर निकल गई।
तल्खी बरकरार
पश्चिम बंगाल चुनावों के बाद यह पहला मौका है कि जब पीएम मोदी और ममता बनर्जी का आमना-सामना हुआ। इससे पहले मोदी ने प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। ममता बनर्जी चक्रवात यास की वजह से पश्चिम बंगाल को 15 हजार करोड़ रुपये के नुकसान की बात कह चुकी हैं। एक हजार करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा करते हुए कहा कि उनकी सरकार प्रभावित लोगों के लिए घर पर राहत कार्यक्रम चलाएगी। वित्त विभाग को पिछले साल मई में चक्रवात अम्फान के बाद बनाए कई तटबंधों, पुलों और सड़कों को हुए नुकसान की जांच के भी आदेश दिए हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को उत्तर 24 परगना जिले में चक्रवात प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। अधिकारियों ने इस बारे में बताया।उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय के साथ मुख्यमंत्री ने हिंगलगंज, हसनाबाद, संदेशखली, पिनाखा और जिले के अन्य इलाकों में चक्रवात के बाद की स्थिति का जायजा लिया।
बनर्जी ने कहा, ‘‘मैंने देखा है कि अधिकतर क्षेत्र जलमग्न हैं। मकान और खेतों के बड़े भू-भाग जलमग्न हैं। इस संबंध में फील्ड सर्वेक्षण भी किया जायेगा।’उन्होंने जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों और खंड विकास पदाधिकारियों के साथ प्रशासनिक बैठक भी की।
पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना जिलों में कई इलाके चक्रवात ‘यास’ से प्रभावित हैं। चक्रवात ‘यास’ बुधवार सुबह पड़ोसी ओडिशा के तट से टकराया था। इसके चलते इन जिलों में कई जगहों पर भारी बारिश हुई और तेज चक्रवाती तूफान आये।
बनर्जी बाद में दक्षिण 24 परगना जिले के चक्रवात प्रभावित इलाकों और पूर्वी मेदिनीपुर में नतटीय शहर दीघा का भी दौरा करेंगी।
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