नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप से पहली मौत राजस्थान के उदयपुर में पिछले सप्ताह हुई जिसकी पुष्टि बुधवार को नमूने की जांच के बाद की गई। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बुधवार को यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उदयपुर में हुई मौत ‘तकनीकी’ रूप से ओमीक्रोन से सबंधित है। उन्होंने बताया कि ओमीक्रोन से संक्रमित होने की रिपोर्ट आने से पहले ही व्यक्ति की मौत हो गई थी। मरीज बुजुर्ग व्यक्ति थे और उन्हें मधुमेह के साथ अन्य बीमारियां भी थीं एवं प्रोटोकॉल के तहत उनका इलाज सहरूग्णता के साथ-साथ संक्रमण के लिए किया जा रहा था।
अग्रवाल ने कहा कि हमारे दिशानिर्देश कहते हैं कि अगर कोरोना वायरस संक्रमित मरीज की मौत होती है तो उसे कोविड-19 से हुई मौत माना जाता है। इसी प्रकार अगर व्यक्ति ओमीक्रोन से ग्रस्त पाया जाता है और भले ही इसका देर से पता चले, हम उसे ओमीक्रोम संक्रमण का मामला मानते हैं।
राजस्थान सरकार के अधिकारियों ने बताया कि व्यक्ति (73) के नमूने के जीनोम अनुक्रमण में ओमीक्रोन की पुष्टि हुई है उसकी दो बार कोविड जांच की गई थी जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी और 31 दिसंबर को उदयपुर के अस्पताल में मरीज की मौत हो गई थी। उदयपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमएचओ) डॉक्टर दिनेश खराडी ने बताया कि व्यक्ति की मौत कोविड के बाद निमोनिया से हुई और वह पहले से भी मुधमेह, उच्च रक्तचाप और हाइपोथायराइडिज्म से पीड़ित थे।
व्यक्ति 15 दिसंबर को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए थे और उनमें बुखार, खांसी और राइनिइटिस जैसे लक्षण थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके जांच के नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे गए और 25 दिसंबर को मिली रिपोर्ट में ओमीक्रोन की पुष्टि हुई। बाद में 21 दिसंबर और 25 दिसंबर को जांच में रिपोर्ट नेगेटिव आयी।
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