शिमला में हो रही अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में किया. इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने देश भर के विधानमंडल में बैठकों की घटती संख्या और कानून बनने के दौरान चर्चाओं की कमी पर चिंता जताई है।लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने देश भर के विधानमण्डलों के पीठासीन अधिकारियों के सम्मलेन को संबोधित करते हुए कहा कि देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाने में पहले के सम्मेलनों में लिए गए फैसलों की बड़ी भूमिका रही है. लोकसभा अध्यक्ष ने इसी दौरान कहा कि मौजूदा समय के हिसाब से प्रगतिशील कानून बनाने में जनता की भागीदारी बढ़नी चाहिए.
सम्मेलन में बोलते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विधानमंडलों के नियम-प्रक्रियाओं की भी समीक्षा करते रहने का भी सुझाव दिया ताकि जनता के अधिकारों की रक्षा हो सके. ओम बिरला ने संसदीय विशेषाधिकारों में स्पष्टता लाने, संसदीय समितियों को प्रभावी बनाने और अधिक से अधिक टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल करने की जरूरत पर जोर दिया।
अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का शताब्दी समारोह हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 7वीं बार हो रहा है.100 साल पहले 1921 में शिमला में ही ऐसी पहला सम्मेलन हुआ था. आज़ादी के पहले से लेकर 21वीं सदी तक भारत के लोकतंत्र ने एक लंबी यात्रा तय की है. बदलते दौर में देश भर के विधानमण्डलों की कार्यवाही में एकरूपता लाने के दृष्टिकोण से ये सम्मलेन काफी महत्वपूर्ण साबित होगा. इस दौरान पिछले सम्मेलनों में लिए गए फैसलों पर अब तक हुए क्रियान्वयन और दल बदल कानून भी चर्चा केंद्र में रहेंगे.
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