नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा है कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। ये इतिहास का एक सबसे बड़ा फैसला है। सहज रुप से सभी को इसे स्वीकार करना चाहिए।
सर्वधर्म समभाव की भावना इससे अधिक मजबूत होगी साथ ही सामाजिक तानाबाना भी इसके परिणामस्वरुप मजबूत होगा ऐसा मेरा विश्वास है। जनता से मेरी अपील है कि वे शांति और सौहार्द बनाए रखने का प्रयत्न अपनी तरफ से करेंगे और इस फैसले को धैर्य और पूरे उदारता के साथ सभी को स्वीकारना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक पीठ में शामिल पांच जजों चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े (एस.ए. बोबड़े), जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर ने अयोध्या केस में फैसला सुनाया है।
उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को अयोध्या में विवादित स्थल राम जन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करते हुए केन्द्र सरकार को निर्देश दिया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिये पांच एकड़ भूमि आवंटित की जाये।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने भारतीय इतिहास की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण इस व्यवस्था के साथ ही करीब 130 साल से चले आ रहे इस संवेदनशील विवाद का पटाक्षेप कर दिया। इस विवाद ने देश के सामाजिक ताने बाने को तार तार कर दिया था।
शीर्ष अदालत ने कहा कि मस्जिद का निर्माण ‘प्रमुख स्थल’ पर किया जाना चाहिए और सरकार को उस स्थान पर मंदिर निर्माण के लिये तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट गठित करना चाहिए जिसके प्रति अधिकांश हिन्दुओं का मानना है कि भगवान राम का जन्म वहीं पर हुआ था। इस स्थान पर 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद थी जिसे कार सेवकों ने छह दिसंबर, 1992 को गिरा दिया था।
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