DefExpo: असली 'आयरन मैन' और 'फौजी रोबोट' अब दूर नहीं, डिफेंस एक्सपो में दिखी भविष्य के युद्ध की झलक

देश
प्रभाष रावत
Updated Feb 08, 2020 | 12:41 IST

Robot Soldiers in DefExpo: सीमा पर इंसानी जिंदगी की कुर्बानी का दर्द भारतीय सेना से ज्यादा कौन समझ सकता है। लेकिन आने वाले समय में देश के रखवालों के जान की कीमत इतनी सस्ती नहीं होगी।

Defense Robot Technology at Defense Expo
डिफेंस एक्सपो में रक्षा रोबोट तकनीक  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • लखनऊ, डिफेंस एक्सपो में नजर आ रहे मानवरहित हथियार और रोबोट
  • DRDO ने दिखाई भविष्य के युद्ध की झलक, सामने आई 'आयरन फिल्म' फिल्म जैसी तकनीक
  • लड़ाई के मैदान और आतंकवाद रोधी अभियानों में नहीं जाएगी जवानों की जान

नई दिल्ली: हॉलीवुड और भारतीय सिनेमा में हथियारबंद रोबोट और खास सूट की सोच कोई नई बात नहीं है। 'आयरन मैन' जैसी कई लोकप्रिय फिल्मों में लोग इस तरह की झलक देख चुके हैं लेकिन आने वाले समय में लड़ाई के असली मैदान में भारतीय सेना इस तरह की तकनीक से लैस नजर आएगी। लखनऊ में चल रहे डिफेंस एक्सपो में प्रदर्शित तकनीक और हथियारों में इसकी झलक मिलती है।

इंसानी जिंदगी की कीमत और सीमाओं की रक्षा करते हुए जवानों के जान गंवाने का दर्द भारतीय सुरक्षाबलों से ज्यादा और कौन समझ सकता है। इसलिए ऐसे हथियारों की जरूरत है जो बिना इंसानी जान गंवाए घुसपैठिए आतंकियों या युद्ध की परिस्थितियों से निपटने में सक्षम हों। डिफेंस एक्सपो में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) इस बात की ओर इशारा किया है कि वह तेजी से स्वदेशी तौर पर विकसित रोबोट रक्षा तकनीक की दिशा में काम कर रहा है। हथियारों से लैस ऑटोमैटिक वाहन और हथियार दिखाए जा रहे हैं।

DefExpo2020 में DRDO के वैज्ञानिक मृदु कांत पाठक ने बताया, 'हम एक ऐसी परियोजना पर काम कर रहे हैं, जिसमें एके -47 और इंसास जैसे हथियारों के साथ काउंटर ऑपरेशन के लिए रोबोट का इस्तेमाल किया जा सकता है और आतंकवादियों पर फायर करने के लिए उन्हें अन्य राइफलों से लोड किया जा सकता है। हम पैर वाले रोबोट पर भी काम कर रहे हैं।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने अपने मानव रहित ग्राउंड वाहन को डिफेंस एक्सपो 2020 में प्रदर्शित किया है जिसका उपयोग नक्सल विरोधी अभियानों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) सहित कई सुरक्षा बलों द्वारा किया जा सकता है।

1000 किलो का बम डिफ्यूज करेगा रोबोट: भारतीय वायुसेना के जल्द एक खास रोबोट खरीदने की खबरें सामने आई हैं, जिसके ट्रायल चल रहे हैं। एयरफोर्स का यह रोबोट 1000 किलोग्राम के बम को आसानी से डिफ्यूज़ कर देगा। अब तक बम निरोधक दस्ता विस्फोटक को नाकाम करने का काम करता रहा लेकिन इसमें जानें भी जाती रहती हैं। यहां देखें UXOR नाम के इस रोबोट की तस्वीर।

Defexpo 2020 UXOR

भारतीय सेना को मिलेगा आयरन मैन! मैसूर की एक कंपनी ने रक्षा प्रदर्शनी में आयरन मैन जैसी तकनीक पेश की है जिसकी मदद से भविष्य की रोबोट सेना तैयार की जाएगी। रोबोट वैज्ञानिक हर्षवर्धन किक्कीरी इस पर काम कर रहे हैं जो इससे पहले अमेरिका में कार्यरत थे और पीएम मोदी के बुलावे पर भारत लौटे हैं।

मोदी के बुलावे पर अमेरिका से लौटे रोबोट वैज्ञानिक: हर्षवर्धन अमेरिका में माइक्रोसॉफ्ट रोबोटिक्स के लिए काम कर रहे थे। पीएम मोदी ने स्टार्टअप इंडिया के तहत उन्हें आमंत्रित किया था। अब वह कर्नाटक के मैसूर में कल्याण ग्रुप के साथ रिसर्च का काम कर रहे हैं। उन्होंने 'हॉलोसूट' नाम की कंपनी खोली है।

हॉलोसूट ने जो रोबोट तकनीक प्रदर्शित की है उसमें रोबोट शरीर के हाव भाव ट्रैक करके, उसके अनुसार काम करता है। यह तकनीक ठीक आयरनमैन फिल्म जैसी है जिसमें रोबोट चलाने वाला व्यक्ति एक खास सूट पहनता है और लड़ाई के मैदान में गए रोबोट को दूर से ही कंट्रोल कर सकता है। आयरन मैन- 3 फिल्म में इस तकनीक को मार्क- 42 नाम दिया गया था।

हॉलोसूट कंपनी की तकनीक के तहत, सूट के अंदर से संचालक जैसी हरकत करता है रोबोट भी वैसे ही काम करता है। यह रोबोट सैन्य अभियानों के अलावा सैनिकों की ट्रेनिंग में भी काम आएगा।

फिलहाल अमेरिका, ब्रिटेन, इजरायल, रूस, जापान, दक्षिण कोरिया जैसे चुनिंदा देश रोबोट रक्षा तकनीक विकसित करने पर तेजी से काम कर रहे हैं। भारत भी इस दिशा में कदम बढ़ा चुका है।

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