नयी दिल्ली: दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को पत्र लिखकर उनसे राजधानी की आम आदमी पार्टी (Aap) सरकार के खिलाफ अपनी पार्टी के 'जन आंदोलन' से जुड़ने का आग्रह किया है।अपने पत्र में गुप्ता ने आरोप लगाया कि 'आप' सामाजिक राजनीतिक और आर्थिक भ्रष्टाचार का नया नाम बन गई है और साफ-सुथरी व राजनीति में शुचिता के नाम पर सरकार में आए इस दल ने राजनीतिक शुचिता के सारे पैमानों को ध्वस्त कर दिया है।
भाजपा नेता ने यह आरोप भी लगाया कि फरवरी महीने में उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुए दंगे आप सरकार द्वारा ‘नियोजित’ थे जिसमें कम से कम 53 लोगों का जान चली गई।उन्होंने पत्र में लिखा, 'आपके नाम पर कुछ लोगों ने स्वच्छ राजनीतिक व्यवस्था की वकालत करते हुए आम आदमी पार्टी का गठन किया। झूठे वायदे, झूठे इरादों और सांप्रदायिक राजनीति के बल पर सत्ता में पुनः आने के बाद दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा नियोजित सांप्रदायिक दंगों का दंश झेला है। स्वच्छ राजनीति में शुचिता के नाम पर सरकार में आई आम आदमी पार्टी ने राजनीतिक शुचिता के सारे पैमानों को ध्वस्त कर दिया है।'
इस बारे में आम आदमी पार्टी की ओर से कोई तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।आम आदमी पार्टी भाजपा पर लगातार हमलावर है। उसने भाजपा-शासित राजधानी के तीनों नगर निगमों में भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। दिल्ली दंगों को लेकर भी वह भाजपा पर निशाना साधती रही है।साल 2022 में होने वाले नगर निगम चुनावों के मद्देनजर दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए है।
गुप्ता ने अपने पत्र में लिखा कि आम आदमी पार्टी की सरकार महिला विरोधी है और राष्ट्र विरोधियों का समर्थन करने वाली है।उन्होंने कहा, ‘‘सांप्रदायिक दंगे कराकर दिल्ली वालों को मौत के मुंह में धकेल रही है। उसे दिल्ली में रहने का कोई हक नहीं है।’’उन्होंने कहा कि अब आम आदमी पार्टी आम लोगों की नहीं बल्कि कालेधन वालों की पार्टी बनकर रह गई है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक भ्रष्टाचार का नया नाम आम आदमी पार्टी है और भाजपा लगातार इसके खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा, 'आपसे करबद्ध प्रार्थना है कि आप दिल्ली आकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाइए और इस आंदोलन में हमारा साथ दीजिए। युवा और दिल्ली का जनसमुदाय खुद को ठगा महसूस कर रहा है। उनकी राहत के लिए आपको अपनी आवाज फिर से बुलंद करनी होगी तभी राजनीतिक शुचिता की नई शुरुआत होगी।'
ज्ञात हो कि 2011 में दिल्ली के रामलीला मैदान में अन्ना हजारे ने जब भ्रष्टाचार के मुद्दे पर दिल्ली में आंदोलन किया था तब अरविंद केजरीवाल इसके प्रमुख चेहरे के रूप में उभरे थे। बाद में केजरीवाल और उनके समर्थकों ने सक्रिय राजनीति का रुख किया और फिर आम आदमी पार्टी का गठन हुआ। पार्टी ने तीन बाद दिल्ली में अपनी सरकार बनाई और आज पंजाब में वह प्रमुख विपक्षी दल की भूमिका निभा रही है
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