नई दिल्ली : देश भर में घातक करोना वायरस के संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। देश भर में अब तक 900 से ज्यादो लोग संक्रमित हो हुए हैं जिसमें 86 लोग ठीक हो गए हैं और 25 लोगों की मौत हो गई है। दिल्ली की बात करें तो यहां अब तक संक्रमितों की संख्या बढ़कर 49 हो गई है। यमन के एक नागरिक की संक्रमण के चलते यहां मौत हो गई। एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इस विदेशी नागरिक की मौत एक प्राइवेट अस्पताल में हुई। उसकी उम्र 60 साल थी। दिल्ली हेल्थ विभाग के मुताबिक कुल 49 मामलों में 41 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। 5 को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई जबकि एक देश से बाहर चला गया।
डॉक्टर राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में COVID19 पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आने के बाद लगभग छह डॉक्टरों और चार नर्सों को सेल्फ क्वारंटाइन के लिए भेजा गया है।
यूपी बॉर्डर पर दिल्ली सरकार ने बांटा भोजन
दिल्ली सरकार ने गाजीपुर-उत्तर प्रदेश बॉर्डर के पास खाना बांटा। सामाजिक दूरी(सोशल डिस्टेंस) बनाए रखने के लिए वहां पर गोले के निशान भी बनाए गए थे। देश में जारी लॉकडाउन के बीच दिल्ली सरकार के स्कूलों को बेघर लोगों और प्रवासी मजदूरों के लिए अस्थायी तौर पर शेल्टर होम में बदला जा रहा है। केयर टेकर विनय कुमार स्टीफन ने बताया: हर कमरे में दूरी बनाए रखते हुए 5-5 लोगों के रहने की व्यवस्था है। यहां तीनों टाइम खाना दिया जाएगा। लॉकडाउन के बीच राजधानी में जरूरत मंदों को खाना पहुंचाने के लिए गुरुद्वारा बंगला साहिब में बड़े स्तर पर खाना तैयार किया जा रहा है।
केजरीवाल की अपील
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली से अपने गांव जा रहे लोगों से मेरी अपील।
थोक विक्रेताओं को नहीं मिल रहे हैं ग्राहक
लॉकडाउन के बीच गाजीपुर सब्जी मंडी में थोक विक्रेताओं को ग्राहक नहीं मिल रहे हैं। विक्रेताओं का कहना है कि मंडी में माल बहुत कम दाम पर बिक रहा है। एक विक्रेता मोहम्मद साजिद ने बताया कि दिल्ली से लोग जा चुके हैं अब यहां लोग नहीं हैं। 25 प्रतिशत लोग ही मंडी में आ रहे हैं।
हेल्पलाइन नंबर पर आ रही हैं कॉल
कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान दिल्ली पुलिस के हेल्पलाइन नंबर पर करीब 3,800 कॉल आई, जिसमें से 68 कॉल उन लोगों ने किए जिनके पास भोजन या पैसे नहीं थे और 32 कॉल उन लोगों ने किए जिन्हें मेडिकल की जरूरत थी। पुलिस ने बताया कि 24 घंटे के हेल्पलाइन नंबर 011-23469526 पर शनिवार तक कुल 3,796 कॉल आई। पुलिस ने डॉक्टरों की सहायता से उन लोगों की समस्या का निराकरण किया और आपातकालीन परिस्थिति से निपटने का परामर्श भी दिया। आवश्यक कार्य से घर से बाहर जाने के वास्ते पास बनवाने के लिए 423 कॉल प्राप्त हुईं, जिन्हें संबंधित पुलिस उपायुक्त कार्यालय से संपर्क करने की सलाह दी गई। पुलिस ने बताया कि कोविड-19 से संबंधित मामलों की सात कॉल प्राप्त हुई जिन्हें कोरोना वायरस हेल्पलाइन की जानकारी दी गई।
अपने घर जाने के लिए उमड़े प्रवासी मजदूर
दिल्ली-गाजियाबाद सीमा पर आनंद विहार बस अड्डे पर प्रवासी मजदूर घर जाने के लिए बसों में चढ़ने के लिए उमड़ पड़े। यहां करीब 15000 लोग अपने घर जाने के लिए इधर-उधर रात भर भटकते रहे। अपने घर पहुंचने की जल्दी में बसों में सीट के लिए झगड़ा करते मजदूरों से दिल्ली-गाजियाबाद सीमा पूरी तरह पटी नजर आई जहां अफरातफरी और भगदड़ जैसे हालात बने हुए थे। दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के हजारों दिहाड़ी मजदूर कई किलोमीटर पैदल चलने के बाद बस पकड़ने के लिए आनंद विहार, गाजीपुर और गाजियाबाद के लाल कुआं इलाके पहुंचे। लोगों की संख्या अत्यधिक होने और बस में जगह न होने के कारण कई मजदूर बसों की छत पर बैठ गए।
गाजीपुर इलाके के स्कूलों में रैन बसेरा-सिसोदिया
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम के लिए देशभर में लगाए गए लॉकडाउन के बीच फंसे हुए प्रवासी मजदूरों के रहने के लिए दिल्ली सरकार ने गाजीपुर इलाके के स्कूलों को रैन बसेरों में बदलना शुरू कर दिया है। मंगलवार मध्यरात्रि से लगाए गए 21-दिवसीय लॉकडाउन की वजह से कई राज्यों में बड़े पैमाने पर प्रवासी मजदूरों को शहरों से अपने गांव जाने पर मजबूर होना पड़ा है। उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के हजारों प्रवासी मजदूर गाजीपुर और दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा के आस-पास के क्षेत्रों में एकत्रित हुए हैं।
'570 बसें उत्तर प्रदेश की सीमा पर तैनात'
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को ले जाने के लिए 570 बसें उत्तर प्रदेश की सीमा पर तैनात की गई हैं। गहलोत ने ट्वीट किया कि दिल्ली सरकार चाहती है कि सभी दिल्ली में रहें लेकिन जो उत्तर प्रदेश जाना चाहते हैं उनके लिए इंतजाम किए जा रहे हैं। दिल्ली सरकार की 570 बसें उन्हें उत्तर प्रदेश की सीमा तक छोड़ आएंगी। अगर उत्तर प्रदेश सरकार उनके लिए बसें भेजती है तो मुझे खुशी होगी।
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