नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के लिए दिल्ली में उनके आवास पहुंचे हैं। सवाल है कि क्या आखिर इस मुलाकात के बाद पंजाब कांग्रेस में मचा घमासान खत्म हो जाएगा? खबर मिली कि आज इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सोनिया गांधी से मुलाकात की। ये भी जानकारी आई कि राहुल गांधी ने भी सोनिया गांधी से मुलाकात की।
माना जा रहा है कि सोनिया गांधी और अमरिंदर की मुलाकात के दौरान पंजाब प्रदेश कांग्रेस में कलह को दूर करने के फॉर्मूले पर चर्चा हुई है। बैठक के बाद सिंह ने कहा, 'मैं कांग्रेस अध्यक्ष से मिलने आया था, पार्टी के आंतरिक मामलों, पंजाब के विकास के मुद्दे पर चर्चा की। जहां तक पंजाब की बात है तो वह जो भी फैसला लें, हम उसके लिए तैयार हैं। हम आगामी चुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। मैं सिद्धू पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, मैं यहां पार्टी को मजबूत करने आया हूं।'
इससे पहले, पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने गत बुधवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के साथ लंबी बैठक की थी। सूत्रों के मुताबिक, इन बैठकों में कांग्रेस आलाकमान की ओर से सिद्धू को पार्टी या संगठन में सम्मानजनक स्थान की पेशकश के साथ मनाने का प्रयास किया गया।
मचा हुआ है घमासान
हाल के दिनों में सिद्धू लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वह मुख्यमंत्री के साथ काम नहीं कर सकते। हाल के कुछ सप्ताह में सिद्धू और पंजाब कांग्रेस के कुछ अन्य नेताओं ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ बिजली सहित विभिन्न मुद्दों पर मोर्चा खोल रखा है। अमरिंदर सिंह इससे पहले 22 जून को राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली कांग्रेस की तीन सदस्यीय समिति के समक्ष पेश हुए थे। इस समिति का गठन पंजाब कांग्रेस में अंदुरुनी कलह को खत्म करने के लिए किया गया है।
इसी विवाद पर कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा है, 'सिद्धू एक जाना-माना चेहरा हैं। उन्होंने जब चाहा तब आलाकमान से कई बार मुलाकातें कीं। अब जब आपने (सिद्धू) हाईकमान को अपनी बात कह दी है तो क्या बचा है। हमें प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा करनी चाहिए। लेकिन अपनी ही पार्टी को नुकसान पहुंचाना ठीक नहीं। पार्टी में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए चाहे मैं हो या कोई भी। जिन्हें पसंद नहीं वे पार्टी छोड़ सकते हैं।
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