नई दिल्ली : उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में बृजपुरी की गली नंबर 2 के एक घर का चिराग बुझ गया। छात्र राहुल सिंह मां के मना करने के बावजूद 5 मिनट के लिए घर से बाहर निकला था। बलवाइयों की गोली उसके पेट में लगी, जिससे उसकी मौत हो गई।
जिस वक्त पथराव और आगजनी की घटना हो रही थी, राहुल सिंह अपने घर के अंदर परिवार के साथ मौजूद था।
उसकी मां ने बहुत मना किया कि माहौल खराब है, मत जाओ। फिर भी राहुल अपने दोस्तों के साथ 5 मिनट के लिए घर से निकला था। राहुल जैसे ही घर से बाहर निकला और अपनी गली की नुक्कड़ पर खड़ा हुआ, ठीक उसी वक्त उसके पेट में एक गोली आ लगी।
राहुल पेट पर हाथ रखकर अपने दोस्तों के साथ पीछे हुआ और घर की ओर भागा। उस वक्त तक उसे और उसके दोस्तों को ये लगा था कि कोई पत्थर आकर लगा है, लेकिन जैसे ही राहुल ने पेट से हाथ हटाया तो उसकी शर्ट खून से लथपथ हो गया। इसके बाद वो गिर गया। दोस्तों ने उसे कंधे पर उठाया और घर में पहुंचा दिया।
गोली लगने के ठीक बाद उसे स्कूटी से अस्पताल ले जाया गया, राहुल के दोस्त रोहित कसाना ने आईएएनएस से कहा, हम लोग उसे स्कूटी से अस्पताल ले जा रहे थे, तो हमें रास्ते में ही एंबुलेंस मिल गई। हम उसे एंबुलेंस से जीटीबी अस्पताल ले गए, वहां मौजूद डॉक्टर ने हमसे कहा कि सिर्फ 5 फीसदी ही चांस है। इलाज शुरू हुआ, मगर राहुल बच न सका।
राहुल एसएससी की तैयारी कर रहा था। राहुल के परिवार में 5 सदस्य हैं। उसके पिता आरपीएफ में हैं, जिस वक्त ये हादसा हुआ, वह चंडीगढ़ में तैनात थे।
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