Delhi violence: जल रही है दिल्ली; भड़की हिंसा, हुई आगजनी-पत्थरबाजी, हेड कांस्टेबल समेत 5 की मौत

देश
लव रघुवंशी
Updated Feb 25, 2020 | 00:53 IST

Delhi Violence: दिल्ली के कुछ इलाकों में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। ये झड़प CAA के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई। दोनों तरफ से जमकर पत्थरबाजी हुई। हिंसक प्रदर्शन में हेड कांस्टेबल समेत 5 की मौत हो गई है।

Delhi violence
दिल्ली के कुछ हिस्सों में हिंसा से तनाव 

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर सोमवार को हिंसक झड़प हो गई। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद और मौजपुर इलाकों में हुई झड़पों में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की मौत हो गई। उनके अलावा 4 नागरिकों की भी मौत हो गई। मृतकों के नाम फुरकान अंसारी, शाहिद और राहुल है, जबकि एक की पहचान नहीं हो पाई। हिंसा में अर्द्धसैन्य और दिल्ली पुलिस बल के कई कर्मियों समेत कम से कम 50 लोग घायल हो गए। शाहदरा के पुलिस उपायुक्त (DCP) अमित शर्मा और एसीपी (गोकलपुरी) अनुज कुमार समेत कम से कम 11 पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों को काबू करने के दौरान घायल हो गए।

वहीं गोकलपुरी में एक स्कूल की इमारत के पास आग लगने की घटना सामने आई है। आग टायर मार्केट में लगी है। प्रदर्शनकारियों ने टायर बाजार में आग लगाई। सतीश गोलछा, विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध), दिल्ली ने कहा, 'हम कानून-व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। हम सभी से अनुरोध कर रहे हैं कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने में दिल्ली पुलिस का समर्थन करने के लिए आगे आएं। हमारे अधिकारी शांति फैलाने के लिए पैदल मार्च कर रहे हैं और सभाएं कर रहे हैं।'

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जानकारी दी, 'दिल्ली में हिंसा प्रभावित नोर्थईस्ट जिले में कल स्कूलों की गृह परीक्षाएं नहीं होंगी और सभी सरकारी एवं प्राइवेट स्कूल बंद रहेंगे। बोर्ड परीक्षाओं के सम्बंध में मैंने HRD मिनिस्टर से बात की है कि इस जिले में कल की बोर्ड परीक्षा भी स्थगित कर दी जाएं।

वहीं CBSC के PRO राम शर्मा ने जानकारी दी कि यह सूचित किया जाता है कि कल की अनुसूची के अनुसार, दिल्ली के पश्चिमी भाग में 18 केंद्रों में चार विषयों में केवल बारहवीं कक्षा के लिए परीक्षाएं हैं। कल होने वाली परीक्षा के लिए दिल्ली के उत्तर-पूर्व हिस्से में कोई केंद्र नहीं हैं।

दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने ट्वीट किया, 'बाबरपुर में चारों तरफ दहशत का माहौल बना हुआ है। दंगाई फायरिंग व आग लगाते घूम रहे हैं, लेकिन पुलिस फोर्स नहीं है। मैं लगातार पुलिस कमिश्नर से बात करने की कोशिश कर रहा हूं। कमिश्नर फोन उठाने को राजी नहीं हैं। मेरा उपराज्यपाल साहब व गृहमंत्री जी से आग्रह है कि तुरंत पुलिस फोर्स लगाएं।' 

हिंसा पर केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा है कि वरिष्ठ अधिकारी मौके पर है और पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात हैं, दिल्ली में स्थिति नियंत्रण में है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली क्षेत्र में सीआरपीएफ की कुल 8 कंपनियां तैनात की गई हैं जिनमें रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की दो कंपनियां और महिला सुरक्षाकर्मियों की एक कंपनी शामिल है।

हिंसा पर संयुक्त पुलिस आयुक्त (पूर्वी रेंज), आलोक कुमार ने कहा, 'पुलिस जाफराबाद, सीलमपुर, मौजपुर, गौतमपुरी, भजनपुरा, चंद बाग, मुस्तफाबाद, वजीराबाद, शिव विहार में पुलिस की तैनाती है।' 

कंट्रोल रूम से हिंसा पर नजर
पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक कंट्रोल रूम में हैं और हिंसा के मद्देनजर स्थिति पर नजदीकी नजर रखे हुए हैं। वहीं सूत्रों से जानकारी मिली है कि हिंसा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जारी यात्रा के मद्देनजर कराई गई प्रतीत होती है, ताकि जो इसमें शामिल हैं, वे व्यापक प्रचार हासिल कर सकें। 

इस हिंसा का असर मेट्रो पर भी पड़ा है। जाफराबाद, मौजपुर-बाबरपुर, गोकुलपुरी, जौहरी एन्क्लेव, शिव विहार, उद्योग भवन, पटेल चौक, केंद्रीय सचिवालय और जनपथ मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए हैं। केंद्रीय सचिवालय में इंटरचेंज की सुविधा जारी है।

 

 

'नहीं बख्शे जाएंगे पथराव करने वाले'
हिंसा पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, 'हम हिंसा की निंदा करते हैं। भारत सरकार हिंसा को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। हम जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। गृह मंत्रालय स्थिति की निगरानी कर रहा है। दंगाइयों को चेतावनी दी गई है, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। पथराव के लिए जो भी जिम्मेदार है, सभी की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हम हिंसा का समर्थन नहीं करते। विस्तृत जांच की जाएगी। अतिरिक्त बलों को दिल्ली में लाया गया है। लोग भारत की खराब छवि दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। लोकतंत्र में आपको धरना और विरोध प्रदर्शन का अधिकार है। लेकिन आज जो हो रहा है, वो सही नहीं है। मुझे विरोध के साथ समस्या नहीं है। मैं आपको कड़ी चेतावनी दे रहा हूं।'

पुलिस ने की शांति बनाए रखने की अपील
हिंसा पर दिल्ली पुलिस ने बयान जारी कर शांति बनाए रखने की अपील की। पुलिस ने कहा, 'उत्तर पूर्वी दिल्ली के इलाकों में खासकर मौजपुर, कर्दमपुरी, चांद बाग और दयालपुर में हिंसा और आगजनी की कुछ घटनाएं हुई हैं। दिल्ली और खासकर उत्तर पूर्वी जिले के लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने तथा अफवाहों पर भरोसा नहीं करने की अपील की जाती है। मीडिया से भी ऐसी तस्वीरें प्रसारित नहीं करने की अपील है जिससे आगे और स्थिति खराब हो। दिल्ली पुलिस हालात सामान्य बनाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। उत्तर पूर्वी जिले के प्रभावित इलाके में धारा 144 लगा दी गयी है और असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।' 

हिंसा में करीब दो दर्जन लोगों की जान गई
संसद से सीएबी कानून पारित होने के बाद इसके खिलाफ देश भर में व्यापक हिंसा देखने को मिली। सीएए के खिलाफ सबसे पहले उग्र एवं हिंसक प्रदर्शन असम सहित पूर्वोत्तर के राज्यों में हुए। इसके बाद हिंसक प्रदर्शनों की आंच पश्चिम बंगाल में देखी गई। यहां हावड़ा सहित कई जगहों पर उपद्रवियों ने हिंसा की और रेल एवं सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। सीएए के खिलाफ प्रदर्शन ने धीरे-धीरे पूरे देश को अपनी जद में ले लिया। उत्तर प्रदेश में मेरठ, लखनऊ सहित कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन हुए। सीएए के खिलाफ हुई हिंसा में सबसे ज्यादा 18 मौतें उत्तर प्रदेश में हुईं।

शाहीन बाग में दो महीने से ज्यादा समय से जारी है धरना
शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ करीब दो महीने से धरना जारी है। शाहीन बाग में महिलाएं गत 15 दिसंबर से सीएए वापस लेने की मांग पर अड़ी हैं। वहीं, सरकार का कहना है कि वह किसी भी सूरत में सीएए वापस नहीं लेगी। इस धरने की वजह से नोएडा-कालिंदीकुंज मार्ग बाधित हो गया। मार्ग खुलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं जिस पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए जस्टिस संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को वार्ताकार नियुक्त किया। वार्ताकार प्रदर्शनकारियों से लगातार बातचीत कर रहे हैं लेकिन अभी कोई बीच का रास्ता नहीं निकल सका है।

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