नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर उत्तर-पूर्व दिल्ली में बवाल मचा हुआ है। कई इलाके हिंसा की चपेट में हैं। गृह मंत्री अमित शाह पिछले 14 घंटों दो बार हाईलेवल मीटिंग कर चुके हैं। इस बीच आज फिर से भजनपुरा, कर्दमपुरी, ब्रह्मपुरी, मौजपुर, गोकुलपुरी, जाफराबाद में पथराव की घटनाएं हुई हैं। विपक्ष दिल्ली पुलिस पर भी लगातार सवाल खड़े कर रहा है कि उसने हिंसा को क्यों नहीं रोका।
ओवैसी ने की आर्मी तैनाती की मांंग
इस बीच ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के मुखिया असदउद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा है, 'नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में स्थिति बदतर होती जा रही है। अगर प्रधानमंत्री शांति बहाल करना चाहते हैं तो यह उन पर निर्भर है कि सेना को इस एरिया को अपने हाथ में लेना चाहिए। पुलिस अपनी ड्यूटी निभाने में फेल रही है और भीड़ के साथ मिलीभगत कर रही है। लोगों की जिंदगी को बचाने का एकमात्र तरीका यह है कि एरिया को सेना के हवाले कर दिया जाए।'
केजरीवाल गृह मंत्री से मिले
इससे पहले गृह मंत्री के साथ हाई लेवल मीटिंग के बाद बोले केजरीवाल ने कहा, 'यह दिल्ली का मामला है और सभी पार्टियां मिलकर शांति के लिए प्रयास करेंगी। गृह मंत्री ने आश्वासन दिया है कि पुलिस बल की कमी नहीं होने देंगे।' यह पूछे जाने पर कि क्या वह सशस्त्र बलों की तैनाती के लिए कहेंगे, दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा: 'अगर इसकी जरूरत हुई तो हो सकता है ... लेकिन अभी पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा रही है।'
गृहराज्य मंत्री बोले- कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे हिंसा
आपको बता दें आज ही हैदराबाद में गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने आरोप लगाते हुए कहा कि संशोधित नागरिकता कानून को लेकर दिल्ली में जानबूझकर हिंसा फैलाई गई। उन्होंने कहा कि सीएए विरोधी प्रदर्शनों के नाम पर आगजनी और दंगा ‘पूरी तरह गलत’ है। रेड्डी ने कहा, ‘जो लोग हिंसा में शामिल थे उन्हें मैं चेतावनी देता हूं कि...नरेन्द्र मोदी सरकार इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। आगजनी और हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ हमारी सरकार आवश्यक कड़ी कार्रवाई करेगी। हमारी सरकार हिंसा के किसी भी रूप को बर्दाश्त नहीं करेगी।’
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