नई दिल्ली: दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर हुई हिंसा को लेकर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट में बुधवार को हाई वोल्टेज ड्रामा शुरू हो गया क्योंकि इसमें दिल्ली के पूर्वोत्तर इलाके में हिंसा भड़काने के लिए स्वतंत्र जांच, मृतकों को मुआवजा और प्रमुख राजनीतिक हस्तियों को गिरफ्तार करने की याचिका पर सुनवाई हुई। जस्टिस मुरलीधर ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वहां स्थिति बेहद दुखदायी है। बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का वीडियो जिसमें उनका कथित भड़काऊ भाषण सुना जा सकता है। जज ने कोर्ट में चला कर देखा क्योंकि पुलिस अधिकारी ने कहा कि वह इसे नहीं देखा है।
कोर्ट ने कपिल मिश्रा के भाषणों की वीडियो क्लिप देखी
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मेहता और पुलिस कमिश्नर (क्राइम ब्रांच) राजेश देव से पूछा कि क्या उन्होंने बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के कथित नफरत भरे भाषणों की वीडियो क्लिप देखी है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वह टीवी नहीं देखता है और उन क्लिपों को नहीं देखा है, श्री देव ने कहा कि उन्होंने बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर और परवेश वर्मा का वीडियो देखा है, लेकिन कपिल मिश्रा का नहीं देखा है।
दिल्ली पुलिस के रवैये वास्तव में चकित हूं
जस्टिस मुरलीधर ने टिप्पणी की कि मैं इस मामले में दिल्ली पुलिस के रवैये वास्तव में चकित हूं और कोर्ट के कर्मचारियों को कपिल मिश्रा की वीडियो क्लिप को कोर्ट रूम में प्ले करने को कहा। जस्टिस मुरलीधर ने कहा कि आप सभी इसे देखें। कपिल मिश्रा के भाषण को देखने के बाद, कोर्ट में मौजूद पुलिस अधिकारी ने वीडियो में मौजूद सब-इंस्पेक्टर की पहचान की।
कोर्ट रूम में हुई हूटिंग
जब कोर्ट रूम में जमा भीड़ ने हूटिंग शुरू की तो बैंच ने वहां मौजूद लोगों से कहा कि डेकोरम बनाए रखें अन्यथा कैमरे के सामने कार्यवाही की जाएगी। शुरुआत में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल मेहता और दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा के बीच गरमा गरम बहस हुई, मेहरा ने पुलिस कमिश्नर की ओर से कानून अधिकारी की उपस्थिति पर आपत्ति जताई।
सभी देश के कानून के नियम का सम्मान
श्री मेहरा ने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार की शक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने सुलझा लिया है और सभी को देश के कानून के नियम का सम्मान करना चाहिए।
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