नई दिल्ली: देश में कोयले की कमी से पॉवर स्टेशनों की हालात नाजुक बनी हुई हैं कोयले की कमी से 116 प्लांट अति संवेदनशील स्थिति में पहुँच चुके हैं। इधर 17 प्लांट्स में एक से दो दिन का स्टॉक है वहीं कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 'टाइम्स नेटवर्क' से बातचीत में कहा की पॉवर प्लांट के द्वारा कोयले का रिजर्व स्टॉक नहीं रखने की वजह से ये हालात पैदा हुआ है। अप्रैल के महीने में ही हमने सभी राज्य सरकारों को इस बावत सूचना दे दी गई थी। पर उस वक्त पॉवर प्लांट के द्वारा कोयले की मांग नहीं रखी गई।
इधर बढ़ते डिमांड को देखते हुए ज्यादातर पॉवर प्लांट ने अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा दिया गया। जिसकी प्लानिंग पहले से नहीं कि गई थी। इस मुद्दे के हल करने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है, लेकिन बारिश के मौसम में कोयले खुदाई से लेकर इसकी ढुलाई तक में समस्या आई है, इसके अलावा प्लांट्स की तरफ से भी कोयले के स्टॉक को लेकर प्लानिंग में चूक हुई है वहीं कुछ प्लांट्स को पुराने बकाये की वजह से कोयले की सप्लाई बाधित हुई है।
नियमों के मुताबिक प्लांट्स के लिए 15 दिन से 21 दिन का स्टॉक को बनाकर रखना स्टैंडर्ड प्रैक्टिस माना जाता है पर ज्यादातर प्लांट में औसत 4 दिन का कोयला भी नहीं है। कुछ बड़े राज्यों के थर्मल पावर प्लांट्स में कोयले के स्टॉक के हालात नाज़ुक बने हुए हैं।
उत्तर प्रदेश के क़रीब 16 प्लांट्स में कोयले के स्टॉक सुपर क्रिटिकल पोजिशन में
उत्तर प्रदेश के 19 में से क़रीब 16 प्लांट्स में कोयले के स्टॉक सुपर क्रिटिकल पोजिशन में पहुंच गया है. जबकि 2 की स्थिति क्रिटिकल बनी हुई है, मध्यप्रदेश के 10 थर्मल पावर प्लांट में 5 सुपर क्रिटिकल जबकि 3 क्रिटिकल पोजिशन में हैं, महाराष्ट्र 16 प्लांट्स में 13 सुपर क्रिटिकल और 2 क्रिटिकल पोजिशन में हैं।
मौसम में बदलाव के साथ ही बिजली की मांग कम होगी
पश्चिम बंगाल के 15 में से 8 प्लांट में कोयले का स्टॉक सुपर क्रिटिकल जबकि 5 क्रिटिकल पोजिशन में है। ये सारे आंकड़े एक दिन पहले यानि रविवार तक के हालात दिखा रहे हैं, सरकार और कोल, पावर और रेल मिनिस्ट्री के अधिकारी लगातार हालात पर नज़र बनाये हुए हैं लेकिन कोयले की सप्लाई की अपनी सीमा है इसलिए माना जा रहा है कि बिजली की मांग कम होने के साथ ही ये हालात भी सामान्य हो सकेंगे, उम्मीद की जा रही है कि अगले 2 हफ़्ते में मौसम में बदलाव के साथ ही बिजली की मांग कम होगी और पावर प्लांट्स में कोयले के स्टॉक का संकट भी ख़त्म हो जाएगा।
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