पिथौरागढ़ (उत्तराखंड): पिथौरागढ़ जिले के गुंजी गांव में एक धार्मिक पर्व के समापन समारोह में रविवार को उक्त घोषणा करते हुए भट्ट ने कहा कि पक्की सड़क बनने से न केवल रक्षाकर्मियों को सीमा चौकियों तक जल्द पहुंचने में मदद मिलेगी बल्कि इससे देश भर के पर्यटकों को इस अनूठी जगह पर पहुंचने और यहां की विशिष्ट संस्कृति और खानपान को जानने का मौका भी मिलेगा।
गुंजी, कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा के रास्ते में आने वाला एक सीमावर्ती गांव है जो पिथौरागढ़ जिले के धारचूला सब डिवीजन में व्यास घाटी में 10,000 फीट की उंचाई पर स्थित है।भट्ट ने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में यह क्षेत्र सर्वाधिक पसंदीदा सीमावर्ती पर्यटन गंतव्य के रूप में उभरेगा।
उन्होंने कहा कि भारत-चीन सीमा पर सड़क नेटवर्क होने से स्थानीय लोगों को अपने गांवों में होमस्टे संचालित करने तथा अन्य पर्यटन संबंधित व्यापार करने में भी मदद मिलेगी।
अत्यंत कठिन भौगोलिक क्षेत्र में सीमा के पास सड़क नेटवर्क तैयार करने के लिए सीमा सड़क संगठन (BRO) की प्रशंसा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीआरओ ने लद्दाख में 19,300 फीट की उंचाई पर उमलिंगला में सीमा सड़क का निर्माण किया है। 75 किलोमीटर लंबी घटियाबगड-लिपुलेख सड़क का पिछले साल मई में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उद्घाटन किया था।
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