धाकड़ EXCLUSIVE : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को दुनिया के चौथे और भारत के सबसे बड़े एयरपोर्ट का शिलान्यास करने जा रहे हैं। उससे पहले ही एक विवाद हो गया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सवाल उठाया कि किसानों से एयपोर्ट के लिए जमीन तो ले ली गई लेकिन उन्हें मुआवजा नहीं मिला। वो खुले आसमान के नीचे ठंड में तंबुओं में ठिठुर रहे हैं। आखिर माजरा क्या है। जेवर गांव में किसान किया कहते हैं। आइए जानते हैं।
प्रियंका को जेवर के किसानों ने क्या कहा? मुआवजे से किसान खुश, प्रियंका क्यों नाराज? दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट कैसा होगा? जेवरवासियों के लिए 25 नवंबर बहुत बड़ा दिन है। जेवर एयरपोर्ट पर क्या-क्या सुविधाएं होंगी?
जेवर एयरपोर्ट के इलाके के 6 गांव के किसानों की जमीन का अधिग्रहण पहले चरण में किया गया है। अधिग्रहण के बाद मिले मुआवजे की वजह से इन गांव के लोगों की जिंदगी बहुत हद तक बदल चुकी है। जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण में रोही, पारोही, किशोरपुर, रनहेरा, किशोरपुर और दयानतपुर गांव की जमीन गई है। रोही गांव तो अपने मजरों के साथ विस्थापित हुआ है। सबसे अधिक किसान इसी गांव के प्रभावित हुए हैं। किसानों को मुआवजा मिला है। उन्हें घर के बदले दूसरी जगह भूखंड दिए गए हैं। पैसा आने के बाद क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
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